एग्ज़िट पोल आने के बाद से ही कई नेताओं द्वारा नतीजों के प्रभावित किए जाने की आशंका जताए जाने के बीच कांग्रेस ने देश की नौकरशाही से अपील की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अब समस्त नौकरशाही से आग्रह करती है कि वे संविधान का पालन करें, अपने कर्तव्यों का पालन करें तथा बिना किसी भय, पक्षपात या द्वेष के राष्ट्र की सेवा करें।'
मंगलवार को होने वाली मतगणना से पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि 'गृहमंत्री (अमित शाह) डीएम-कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं। अब तक, उन्होंने उनमें से 150 से बात की है। यह स्पष्ट और निर्लज्ज धमकी है।' हालाँकि इस पर चुनाव आयोग ने जयराम रमेश से सबूत मांगे हैं। कांग्रेस नेता ने इसके लिए समय मांगा, लेकिन उनको समय नहीं मिल पाया। इसी बीच खड़गे ने नौकरशाही से अपील की है। खड़गे ने नौकरशाहों को संबोधित करते हुए कहा है, 'किसी से डरें नहीं। किसी असंवैधानिक तरीक़े के आगे न झुकें। किसी से न डरें तथा इस मतगणना के दिन योग्यता के आधार पर अपने कर्तव्य निभाएँ।'
"Indian National Congress now urges the entire bureaucracy, to adhere to the Constitution, enact their duties, and serve the nation, without fear, favour and ill-will against anybody. Do not get intimidated by anyone. Do not bow down to any unconstitutional means. Do not be… pic.twitter.com/NGXxk0DJ9V
— Congress (@INCIndia) June 3, 2024
खड़गे की यह अपील तब आई है जब जयराम रमेश ने कहा है कि अधिकारियों को किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए और संविधान को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया है कि अमित शाह ने 150 डीएम से बात की है। हालाँकि केंद्रीय चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि किसी भी अधिकारी ने किसी भी "अनुचित प्रभाव" की सूचना नहीं दी है।
इस बीच अखिलेश यादव ने भी रविवार को कहा, 'एग्ज़िट पोल का आधार ईवीएम नहीं डीएम है। प्रशासन याद रखे जनशक्ति से बड़ा बल और कोई नहीं होता।' उन्होंने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि मतगणना के दौरान बीजेपी किसी भी साज़िश-षड्यंत्र में शामिल हो सकती है। उन्होंने मतगणना में धांधली किए जाने की आशंका जताई है। बीजेपी पर आरोप लगाते हुए सपा नेता ने कहा कि इसके लिए मतगणना धीमी करवाकर रात में बत्ती गुल करवाई जा सकती है। उन्होंने एग्ज़िट पोल में जुटे लोगों का बीजेपी से संबंध होने और मतगणना से पहले एक माहौल तैयार करने का आरोप भी लगाया। इसके साथ ही उन्होंने वोटिंग के बाद काफ़ी ज्यादा बढ़े मतदान प्रतिशत को लेकर भी संदेह जताया।
चुनाव आयोग ने चुनाव में प्रयुक्त होने वाली मशीनों के नंबर दिए थे। इसमें बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट शामिल है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 3, 2024
मेरे चुनाव क्षेत्र राजनादगांव मतदान के बाद फ़ॉर्म 17सी में जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार बहुत सी मशीनों के नंबर बदल गए हैं। जिन बूथों पर नंबर बदले हैं उससे… pic.twitter.com/HREvbld7By
उन्होंने कहा कि और भी कई लोकसभा क्षेत्रों में यही शिकायतें मिली हैं, हम राज्य निर्वाचन पदाधिकारी से शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए कि किन परिस्थितियों में मशीनें बदली गई हैं और चुनाव परिणाम पर होने वाले असर के लिए कौन ज़िम्मेदार होगा?
समाजवादी पार्टी ने भी मिर्जापुर में बड़ा आरोप लगाया है। सपा ने कहा है, 'मिर्जापुर में स्ट्रॉन्ग रूम में प्रवेश करने की नियत से पॉलीटेक्निक कॉलेज के पीछे की दीवार तोड़ दी गई है। जिलाधिकारी मिर्जापुर भाजपा प्रत्याशी के रिश्तेदार हैं इसलिए मतगणना के दौरान निष्पक्षता संभव नहीं, न ही वो किसी प्रकार की शिकायत पर कार्रवाई कर रहे हैं।'
मिर्जापुर में स्ट्रॉन्ग रूम में प्रवेश करने की नियत से पॉलीटेक्निक कॉलेज के पीछे की दीवार तोड़ दी गई है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) June 3, 2024
जिलाधिकारी मिर्जापुर भाजपा प्रत्याशी के रिश्तेदार हैं इसलिए मतगणना के दौरान निष्पक्षता संभव नहीं न ही वो किसी प्रकार की शिकायत पर कार्रवाई कर रहे हैं।
चुनाव आयोग संज्ञान ले… pic.twitter.com/I33VADlFpi
बहरहाल, खड़गे ने अपनी अपील में कहा है, "संस्थाओं की स्वतंत्रता सर्वोपरि है, क्योंकि प्रत्येक सिविल सेवक संविधान की शपथ लेता है कि वह 'अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और कर्तव्यनिष्ठा से निर्वहन करेगा तथा संविधान और कानून के अनुसार सभी प्रकार के लोगों के साथ बिना किसी भय या पक्षपात, स्नेह या द्वेष के सही व्यवहार करेगा'। इस भावना से हम प्रत्येक ब्यूरोक्रैट और अधिकारी से - पदानुक्रम के ऊपर से नीचे तक, संविधान की भावना के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की अपेक्षा करते हैं, जो बिना किसी दबाव, धमकी, या सत्ताधारी पार्टी, गठबंधन या विपक्षी पार्टी, गठबंधन से किसी भी प्रकार के दबाव के हो।"
उन्होंने कहा है कि ‘जनता की इच्छा’ सर्वोच्च है, और लोग चाहते हैं कि भारतीय ब्यूरोक्रेसी सरदार पटेल द्वारा परिकल्पित उसी ‘भारत के स्टील फ्रेम’ पर वापस लौट आए - जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है।
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