कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग में शिकायत की है। इसने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी ने चुनावी आाचर संहिता का गंभीर उल्लंघन किया है। यह मौजूदा लोकसभा चुनाव अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पहली शिकायत है। कांग्रेस ने सोमवार को चुनाव आयोग से पार्टी के घोषणापत्र की तुलना आजादी से पहले मुस्लिम लीग के विचारों से करने के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। इसके अलावा भी उनके ख़िलाफ़ कई शिकायतें की गई हैं।
कांग्रेस की शिकायत में आरोप लगाया गया कि मोदी ने धर्म के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी फैलाने के संबंध में आदर्श आचार संहिता और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। कांग्रेस ने 6 अप्रैल को अजमेर में एक रैली में पीएम की टिप्पणियों का हवाला दिया जहां उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र को झूठ का पुलिंदा कहा था और कहा था कि इसका इरादा 'आजादी से पहले मुस्लिम लीग के विचारों को थोपने' का था।
हमने चुनाव आयोग के सामने ऐसी बात रखी है, जिसपर हम पहले भी
— Congress (@INCIndia) April 8, 2024
आपत्ति दर्ज कराते रहे हैं।
जैसे..
- चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा पहनी गई सेना की यूनिफॉर्म वाली तस्वीरों का दुरुपयोग हो रहा है।
- चुनाव आयोग में पहले से ही एडवाइजरी है कि चुनाव के दौरान ऐसा नहीं किया जा… pic.twitter.com/MpvPqWD43j
चुनाव आयोग से मिलने के बाद कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में शामिल पवन खेड़ा ने पत्रकारों से कहा, 'हमने चुनाव आयोग के सामने ऐसी बात रखी है, जिसपर हम पहले भी आपत्ति दर्ज कराते रहे हैं।' उन्होंने एक और मामले का ज़िक्र करते हुए कहा है-
- चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा पहनी गई सेना की यूनिफॉर्म वाली तस्वीरों का दुरुपयोग हो रहा है।
- चुनाव आयोग में पहले से ही एडवाइजरी है कि चुनाव के दौरान ऐसा नहीं किया जा सकता है।
पवन खेड़ा ने कहा, 'हमने चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर कदम उठाने आग्रह किया है, क्योंकि बीजेपी ऐसा अपराध लगातार कर रही है।'
कांग्रेस ने कहा है, 'नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणियाँ आदर्श आचार संहिता का साफ़ और पूरी तरह उल्लंघन है जो वर्तमान में प्रभावी है और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध भी है। झूठे, बिना जानकारी वाले दावों का प्रचार करके नरेंद्र मोदी ने मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया, 'नरेंद्र मोदी और भाजपा द्वारा सोची-समझी और दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियों के ऐसे उदाहरण कोई सामान्य बात नहीं है, बल्कि यह बड़ा वोट शेयर हासिल करने के लिए सांप्रदायिक कलह पैदा करने का पार्टी के स्तर पर बड़े ठोस प्रयास का हिस्सा है।'
इसमें कहा गया है कि पीएम की टिप्पणियों ने कांग्रेस समर्थकों को भी ख़तरे में डाल दिया है क्योंकि उन्होंने जनता को यह विश्वास दिलाया कि कांग्रेस भारत को विभाजित करना चाहती है।
पार्टी की शिकायत में कहा गया है, 'इसलिए स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह माननीय आयोग नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों से आंखें नहीं मूंद सकता… संवैधानिक व्यक्ति के रूप में माननीय आयोग की संविधान के प्रति निष्ठा सर्वोच्च है। चुनाव अवधि के दौरान इस माननीय आयोग द्वारा की जाने वाली कार्रवाइयों पर जनता बेहद सतर्क रहती है। जनता का विश्वास बरकरार रहे, इसके लिए यह बेहद ज़रूरी है कि माननीय आयोग भारतीय समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने में नरेंद्र मोदी के आचरण के खिलाफ कार्रवाई करने में सख्ती और तेजी दिखाए।'
कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह शिकायत सोमवार को कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौंपी गई छह शिकायतों में से एक थी।
उन्होंने कहा, 'यह चुनाव आयोग के लिए सभी दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करके अपनी स्वतंत्रता दिखाने का समय है। हम इस उम्मीद में हैं कि माननीय आयोग अपने संवैधानिक जनादेश को बरकरार रखेगा। अपनी ओर से हम इस शासन को बेनकाब करने के लिए राजनीतिक और कानूनी सभी रास्ते अपनाना जारी रखेंगे।'
My colleagues @salman7khurshid, @MukulWasnik, @Pawankhera and @gurdeepsappal have just met with the Election Commission and presented and argued 6 complaints, including 2 against the PM himself.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 8, 2024
This is the time for the Election Commission to demonstrate its independence by… pic.twitter.com/LqKbOdyvLS
कांग्रेस ने अभियान में इस्तेमाल किए जा रहे रक्षा कर्मियों के साथ पीएम के वीडियो के लिए भाजपा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस ने 7 अप्रैल को एक्स पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की पोस्ट का हवाला दिया है, जिसमें ऐसा एक वीडियो था। इसमें कहा गया कि यह पहली बार नहीं है।
इससे पहले 18 मार्च को कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पीएम के उस विज्ञापन के बारे में बताया था जिसमें रक्षा बलों का जिक्र था।
कांग्रेस ने कहा कि रक्षा कर्मियों की छवियों और वीडियो का बार-बार उपयोग चुनाव आयोग की 2013 और 2019 की सलाह का उल्लंघन है, जहां उसने कहा था कि रक्षा कर्मियों और कार्यों की तस्वीरों का उपयोग चुनाव प्रचार में नहीं किया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने कहा है कि इस मुद्दे पर माननीय आयोग की बार-बार सलाह और निर्देश के बावजूद भारतीय जनता पार्टी द्वारा राजनीतिक विज्ञापनों में रक्षा बलों का निरंतर उपयोग किया जा रहा है।
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