वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच साल की अवधि में देश भर की 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर देने की योजना की घोषणा की। इस अवसर के साथ 5000 रुपये प्रति माह का इंटर्नशिप भत्ता और 6000 रुपये की एकमुश्त सहायता मिलेगी। इसी योजना को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा जारी किए गए घोषणापत्र से उठाया गया है। राहुल गांधी ने भी कहा है कि यह बजट 'कांग्रेस का घोषणापत्र और पिछले बजट का कॉपी और पेस्ट' है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र 2024 से सीख ली है। उन्होंने कहा कि उनका इंटर्नशिप कार्यक्रम साफ़ तौर पर कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे हमने 'पहली नौकरी पक्की' कहा था। उन्होंने आरोप लगाया, 'लेकिन, उन्होंने अपनी ट्रेडमार्क शैली में इसे हेडलाइन बनाने के लिए डिज़ाइन किया है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए प्रोग्रामेटिक गारंटी थी, जबकि सरकार की योजना में मनमाने ढंग से लक्ष्य (1 करोड़ इंटर्नशिप) रख दिया गया है।'
वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र 2024 से सीख ली है। उनका इंटर्नशिप कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे हमने पहली नौकरी पक्की कहा था।
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लेकिन, उन्होंने अपनी ट्रेडमार्क शैली में इसे हेडलाइन बनाने के लिए डिज़ाइन किया है।… pic.twitter.com/38DpG93ifC
कांग्रेस के घोषणापत्र में प्रशिक्षुता के अधिकार कार्यक्रम का वादा किया गया था। इसे राहुल गांधी ने अपने चुनावी भाषणों में पहली नौकरी पक्की योजना के रूप में पेश किया। कांग्रेस ने कहा कि प्रशिक्षुता के अधिकार अधिनियम के तहत उसके नेतृत्व वाली सरकार 25 वर्ष से कम आयु के प्रत्येक डिप्लोमा धारक या कॉलेज ग्रेजुएट को एक निजी या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में एक साल की अप्रेंटिसशिप देगी, जिससे उन्हें प्रति वर्ष 1 लाख रुपये की आय सुनिश्चित होगी।
कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है, 'वह प्रशिक्षुता कौशल प्रदान करेगी, रोजगार क्षमता बढ़ाएगी और लाखों युवाओं के लिए पूर्णकालिक नौकरी के अवसर प्रदान करेगी।'
Besides Pehli Naukri Pakki and the abolition of the Angel Tax, another idea that the Finance Minister has adopted from the INC’s Nyay Patra 2024 are the Employment-linked Incentives (ELIs). However, the ELIs announced in the Budget raise questions about their effectiveness.
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कांग्रेस नेता ने कहा, 'भारत की मुख्य चुनौती नौकरियों की उपलब्धता की कमी है। यह योजना उन लोगों को पुरस्कृत करती है जो पहले से ही औपचारिक नौकरी पाने के लिए भाग्यशाली हैं। नौकरी चाहने वाले जो रोजगार पाने में असमर्थ हैं - जिनकी संख्या बहुत अधिक है और जिन्हें सहायता की तत्काल आवश्यकता है - उनका कोई उल्लेख नहीं है।'
जयराम रमेश ने कहा, 'टू एंपलॉयर ईएलआई पर भी फिर से काम करने की ज़रूरत है। कांग्रेस ने टैक्स क्रेडिट के माध्यम से ईएलआई वितरित करने का प्रस्ताव दिया था, जबकि बजट उन्हें ईपीएफओ योगदान की प्रतिपूर्ति के माध्यम से प्रदान करता है।'
बता दें कि निर्मला सीतारमण की घोषणाओं में रोजगार से जुड़ी तीन योजनाएँ शामिल हैं, जिनमें से एक के तहत सरकार सभी क्षेत्रों में कार्यबल में प्रवेश करने वालों को एक महीने का वेतन प्रदान करेगी। दूसरी योजना विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करेगी, जो पहली बार कर्मचारियों की भर्ती से जुड़ी होगी।
मंत्री ने कहा, 'रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ अंशदान के संबंध में कर्मचारी और नियोक्ता को सीधे एक निर्दिष्ट पैमाने पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस योजना से 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।' उन्होंने कहा कि तीसरी योजना सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को कवर करेगी।
उन्होंने कहा, '1 लाख रुपये प्रति माह वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगार गिने जाएंगे।' उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी को ईएफपीओ अंशदान के लिए दो साल के लिए नियोक्ताओं को 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति करेगी।
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