क्या ईवीएम हैक-प्रूफ़ है? ईवीएम को हैक करने का साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजा का दावा क्या सिर्फ़ एक मज़ाक है? यदि ऐसा है तो 2014 से पहले ईवीएम में धाँधली के बीजेपी के आरोप भी क्या मज़ाक की श्रेणी में ही आएँगे? फिर तो कांग्रेस सहित विपक्ष के अन्य सभी नेताओं के आरोप भी मज़ाक ही होंगे! क्योंकि देश में बीजेपी, कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दल कभी न कभी ईवीएम से छेड़छाड़ किए जाने के आरोप लगा चुके हैं।
ईवीएम हैक-प्रूफ़ हैं तो गड़बड़ियों की इतनी शिकायतें क्यों?
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- 22 Jan, 2019

क्या ईवीएम हैक-प्रूफ़ है? ईवीएम को हैक करने का साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजा का दावा क्या सिर्फ़ एक मज़ाक है?
ईवीएम पर सवाल लंबे अरसे से उठते रहे हैं। कर्नाटक से लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम, और गुजरात तक और निकाय चुनाव से लेकर लोकसभा चुनावों तक में ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं। ये गड़बड़ियाँ ईवीएम की मॉक टेस्टिंग से लेकर मतदान के दौरान हुईं। विपक्षी पार्टियाँ आरोप लगाती रही हैं। चुनाव आयोग तकनीकी ख़ामियाँ बताती रही हैं। लेकिन क्या इतनी शिकायतें संदेह नहीं पैदा करतीं? पढ़िए, कब-कब और कैसी-कैसी गड़बड़ियाें की शिकायतें आई हैं-
कर्नाटक
मई 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कर्नाटक कांग्रेस के प्रवक्ता बृजेश कलप्पा ने आरोप लगाया था कि बेंगलुरु में कई पोलिंग बूथ पर ईवीएम से छेड़छाड़ हुई। कलप्पा ने आरोप लगाया था, ‘उनके माता-पिता के अपार्टमेंट के सामने वाले आरएमवी सेकेंड स्टेज बेंगलुरु में 5 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इनमें से दूसरे पोलिंग बूथ में ईवीएम मशीन में कोई भी बटन दबाने पर वोट बीजेपी के खाते में जा रहे हैं।’