अदालतों में खाली पद भरने में सरकार आख़िर क्यों देरी कर रही है? भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने ही कहा है कि इस साल मई से सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम ने जजों के लिए 106 नाम और मुख्य न्यायाधीश के लिए 9 नाम भेजे, लेकिन सरकार ने अब तक सिर्फ़ 7 जजों और एक मुख्य न्यायाधीश के नाम को ही हरी झंडी दी है।
सीजेआई रमना: जज के लिए 115 नाम भेजे, पर सरकार ने 8 ही मंजूर किए
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- 3 Oct, 2021
अदालतों में खाली पदों सरकार की प्रतिक्रिया कैसी रही है और इसका असर क्या होता है? जानिए, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने क़ानून मंत्री के सामने क्या कहा।

इसका साफ़ मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट का पैनल जिन नामों की पूरी जाँच-पड़ताल कर सिफ़ारिश करता है सरकार उस पर मुहर लगाने में देरी करती है। इसका सुप्रीम कोर्ट कई बार ज़िक्र कर चुका है। अगस्त महीने में ही सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के बढ़ते खाली पदों को भरने में केंद्र सरकार की ओर से हो रही देरी पर नाराज़गी जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम द्वारा सिफारिशों को मंजूरी देने के वर्षों बाद भी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं होने का कारण सरकार का ‘अड़ियल रवैया’ है।