न्यायालयों में जजों के पद खाली रहने की बड़ी वजह क्या है? यदि अदालतों में वर्षों से लंबित मामलों को निपटारा करना है तो सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम की सिफारिशों को आख़िर लंबे समय तक केंद्र क्यों रोकता है?
अदालतों में खाली पदों सरकार की प्रतिक्रिया कैसी रही है और इसका असर क्या होता है? जानिए, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने क़ानून मंत्री के सामने क्या कहा।
कोरोना काल के बाद अदालतों में लंबित मामले रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गए हैं। सिर्फ़ निचली अदालतों में ही अब 4 करोड़ से ज़्यादा लंबित मामले हो गए हैं। ऐसा आख़िर क्यों हुआ?
सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम ने उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के लिए 10 महिलाओं सहित 68 नामों की सिफारिश की है। उच्च न्यायालयों में 1098 न्यायाधीशों के पद स्वीकृत हैं। न्याय विभाग के अनुसार 1 सितंबर को 465 पद खाली हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सिफारिशों को मंजूरी देने के वर्षों बाद भी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं होने का कारण सरकार का ‘अड़ियल रवैया’ है।