केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम की एक सिफ़ारिश को 4 साल बाद अब मंजूरी दे सकती है। कॉलिजियम ने 2018 में जम्मू कश्मीर में अधिवक्ता सादिक वसीम नगराल की नियुक्ति की सिफारिश की थी। लेकिन तब से इसको मंजूरी नहीं मिली। अब 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से ख़बर दी गई है कि जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अधिवक्ता सादिक वसीम नगराल की नियुक्ति की सिफारिश को मंजूरी देने के लिए सरकार तैयार है।
जज बनाने की सिफारिश के 4 साल अब मिलेगी सरकार से मंजूरी!
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- 31 May, 2022
न्यायालयों में जजों के पद खाली रहने की बड़ी वजह क्या है? यदि अदालतों में वर्षों से लंबित मामलों को निपटारा करना है तो सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम की सिफारिशों को आख़िर लंबे समय तक केंद्र क्यों रोकता है?

रिपोर्ट है कि नगराल को जज बनाने की सिफारिश सरकार के पास लंबित सबसे पुरानी सिफारिश है। 24 अगस्त, 2017 को हाई कोर्ट कॉलिजियम ने सबसे पहली बार सिफारिश की थी। उनकी उम्मीदवारी को 6 अप्रैल, 2018 को सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम द्वारा अनुमोदित किया गया था। इसके बाद जनवरी 2019 में और फिर मार्च 2021 में सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम ने अपना निर्णय दोहराया। परंपरागत रूप से माना जाता है कि सरकार कॉलिजियम की सिफारिश को स्वीकार करने के लिए बाध्य है यदि निर्णय दोहराया जाता है।