क्या हर मर्ज की दवा सुप्रीम कोर्ट हो सकता है? यह मुमकीन नहीं है और भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने भी गुरुवार को यही साफ़ किया है। मुख्य न्यायाधीश ने अवैध प्रवासियों को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई की मांग किए जाने पर प्रतिक्रिया में यह बात कही। सीजेआई ने सर्वोच्च न्यायालय पर राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दों पर निर्णय लेने की ज़िम्मेदारी के बोझ पर पीड़ा व्यक्त की और कहा कि ऐसे मुद्दों पर निर्वाचित सरकार को निर्णय लेना चाहिए।
सारे मुद्दे सुप्रीम कोर्ट सुलझाए तो लोकसभा, राज्यसभा किसलिए हैं: CJI
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- 7 Apr, 2022
क्या अब ऐसी नौबत आ गई है कि जो समस्याएँ और मुद्दे लोकसभा और राज्यसभा में उठाए जाने चाहिए वे अब सुप्रीम कोर्ट में उठाए जा रहे हैं? जानिए भारत के मुख्य न्यायाधीश ने क्या कहा।

सीजेआई उस मामले में बोल रहे थे जिसमें वकील अश्विनी उपाध्याय ने एक साल के भीतर सभी अवैध प्रवासियों की पहचान करने, उन्हें हिरासत में लेने और निर्वासित करने का सरकार को निर्देश देने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।