दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर कथित रूप से अवैध नकदी बरामद होने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। एक याचिका में उनके खिलाफ एफ़आईआर दर्ज करने की माँग की गई है। याचिका अधिवक्ता मैथ्यू जे. नेदुमपारा ने दायर की है। यह याचिका 26 मार्च को भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए पेश की गई। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के उस फ़ैसले को चुनौती दी है, जिसमें पुलिस जाँच के बजाय तीन जजों की आंतरिक समिति गठित की गई। इस मामले ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है - क्या जजों को आम नागरिकों की तरह ही कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए?
जस्टिस यशवंत वर्मा के ख़िलाफ़ FIR की माँग, जानें सीजेआई ने क्या कहा
- देश
- |
- |
- 26 Mar, 2025
सीजेआई ने जस्टिस यशवंत वर्मा के ख़िलाफ़ नकदी विवाद में FIR की माँग वाली याचिका को सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया। जानें इस मामले में अगला कदम क्या होगा।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सीजेआई खन्ना ने याचिकाकर्ता नेदुमपारा से कहा, 'आपका मामला सूचीबद्ध हो गया है, कोई सार्वजनिक बयान न दें।' नेदुमपारा ने जवाब में जज के ख़िलाफ़ एफ़आईआर की ज़रूरत पर जोर दिया और सीजेआई की तारीफ़ की कि उन्होंने इस मामले से जुड़े दस्तावेज और वीडियो सार्वजनिक किए। एक सह-याचिकाकर्ता ने कहा, 'अगर इतना पैसा किसी व्यवसायी के घर मिलता तो ईडी और आईटी उसके पीछे पड़ जाते।' सीजेआई ने आगे चर्चा से इनकार करते हुए रजिस्ट्री से सुनवाई की तारीख़ लेने को कहा।