आख़िरकार चंडीगढ़ के मेयर का इलेक्शन बीजेपी ‘जीत’ गयी। लेकिन उसके समर्थक जब जयश्रीराम का नारा लगा रहे थे तो अट्टहास रावण कर रहा था। बीजेपी ने इस जीत के लिए जिस अनैतिकता का परिचय दिया, वह पिता के आदेश पर पल भर में भाई भरत के लिए अयोध्या का राजपाट छोड़ने वाले राम का रास्ता नहीं हो सकता। यह रास्ता है छल-बल से अपने भाई कुबेर से उसकी स्वर्णपुरी लंका और पुष्पक विमान छीन लेने वाले रावण का। बीजेपी के अयोध्या-कांड में छिपी ‘राम-भक्ति’ और उसके ‘राम-राज्य’ की हक़ीक़त यही है।