आख़िरकार चंडीगढ़ के मेयर का इलेक्शन बीजेपी ‘जीत’ गयी। लेकिन उसके समर्थक जब जयश्रीराम का नारा लगा रहे थे तो अट्टहास रावण कर रहा था। बीजेपी ने इस जीत के लिए जिस अनैतिकता का परिचय दिया, वह पिता के आदेश पर पल भर में भाई भरत के लिए अयोध्या का राजपाट छोड़ने वाले राम का रास्ता नहीं हो सकता। यह रास्ता है छल-बल से अपने भाई कुबेर से उसकी स्वर्णपुरी लंका और पुष्पक विमान छीन लेने वाले रावण का। बीजेपी के अयोध्या-कांड में छिपी ‘राम-भक्ति’ और उसके ‘राम-राज्य’ की हक़ीक़त यही है।
‘चंडीगढ़ कांड’ बताता है कि राम के आदर्श पर नहीं चल रही है बीजेपी!
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- 31 Jan, 2024
चंडीगढ़ में मंगलवार 30 जनवरी को जो हुआ, वो गांधी जी के लोकतंत्र की ही हत्या थी। अगर रामराज्य ऐसा ही है तो उन लोगों को मुबारक जो इस रामराज्य को लाए हैं। रामराज्य का ढोल पीटने वाली भाजपा ने दरअसल खुद को चुनावी मशीन में बदल लिया है। वो किसी भी कीमत पर कोई ऐसा चुनाव नहीं हारना चाहती, जो वो इंडिया के मुकाबले में लड़ती है। वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव किस नजरिए से चंडीगढ़ में लोकतंत्र की हत्या को देख रहे हैं, पढ़िएः
