loader

कोविशील्ड: दूसरी खुराक 6-8 हफ़्ते में फायदेमंद तो 4 सप्ताह क्यों चुना था?

केंद्र सरकार ने अब कहा है कि कोविशील्ड की दो खुराक के बीच 6-8 हफ़्तों का फासला होने से बेहतर परिणाम आता है। लेकिन यही केंद्र सरकार अब तक इस टीके को 4 हफ़्ते के अंतराल पर लगवाती रही है। वह भी तब जब क्लिनिकल ट्रायल की रिपोर्ट के विश्लेषण से यह बात सामने पहले ही आ गई थी कि 12 हफ़्ते के अंतराल पर दोनों खुराक लगाने से बेहतर परिणाम आते हैं। अब इसी केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि बेहतर परिणाम के लिए वे 6-8 हफ़्तों के बीच इस टीके को लगवाएँ। तो सवाल है कि जब पहले ही ऐसी रिपोर्टें आ गई थीं तो फिर 4 हफ़्ते के अंतराल को क्यों चुना गया? 

इस पर सवाल पहले से उठते रहे हैं, लेकिन फ़ैसला अब लिया गया है। ऐसा क्यों किया गया, यह जानने से पहले कोरोना वैक्सीन की स्थिति और सरकार ने क्या फ़ैसला लिया है, यह जान लें। 

ताज़ा ख़बरें

भारत में कोरोना की दो कंपनियों की वैक्सीन को मंजूरी दी गई है- कोविशील्ड और कोवैक्सीन। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राज़ेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया तैयार कर रहा है जिसे कोविशील्ड नाम दिया गया है। दूसरी वैक्सीन- कोवैक्सीन भारत में ही विकसित की गई है और इसे भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने विकसित की है। 

केंद्र सरकार का जो ताज़ा निर्देश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए आया है वह कोविशील्ड को लेकर है, कोवैक्सीन के लिए नहीं। यानी कोवैक्सीन पहले की तरह ही 28 दिन में या 4-6 हफ़्तों के बीच लगाया जाना चाहिए। इसे छह हफ़्तों के बाद नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन अब कोविशील्ड की खुराक को 28 दिन के अंतराल पर नहीं लिया जा सकता है। इसके लिए कम से कम 6 हफ़्ते और अधिक से अधिक 8 हफ़्ते का अंतराल हो सकता है। 

सरकार ने यह जो बदलाव किया है उसके लिए तर्क भी रखा है। राज्यों को भेजे गए पत्र में केंद्र सरकार ने कहा है, 'उभरते वैज्ञानिक साक्ष्यों के मद्देनज़र, कोरोना के टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) और टीकाकरण अभियान के लिए गठित राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा कोविशिल्ड की दो खुराकों के बीच के अंतराल में बदला किया गया है।'

केंद्र सरकार के पत्र में कहा गया है कि कोविशील्ड की दूसरी खुराक को छह और आठ सप्ताह के बीच देने पर सुरक्षा बढ़ी हुई लगती है।

यह जो बात अब सरकार ने पत्र में कही है उससे जुड़ी रिपोर्ट विज्ञान की पत्रिका लांसेट में पहले ही आ गई थी। पत्रिका में 19 फ़रवरी को प्रकाशित रिपोर्ट में पाया गया कि 6 हफ़्ते के अंतराल से पहले कोविशील्ड की दो खुराक लगाने से वह वैक्सीन 55.1 फ़ीसदी ही प्रभावी थी जबकि उन खुराकों के बीच 12 हफ्तों का अंतराल था तो 81.3 फ़ीसदी प्रभावी थी।

centre asks states to increase covishield second dose gap to 8 weeks - Satya Hindi

विश्लेषण में यह निष्कर्ष निकाला गया कि अंतराल बढ़ने से वैक्सीन की इम्युनोजेनेसिटी भी बढ़ती है। यह विश्लेषण सामने आने से पहले ही ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन की दोनों खुराक को 3 महीने के अंतराल पर लगवाया जा रहा था। 

तो भारत में कोविशील्ड को 28 दिन के अंतराल में लगाने के लिए क्यों चुना गया? इस सवाल का जवाब कर्नाटक की कोविड तकनीकी सलाहकार समिति के अध्यक्ष एम के सुदर्शन देते हैं। 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' से उन्होंने कहा था, 'इतनी बड़ी आबादी के लिए पहली खुराक से तीन महीने (12-सप्ताह) के अंतराल पर लोगों को टीका लगाना मुश्किल होगा। कई कारणों से लोग टीका लगवाने नहीं आ सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'हमने पहले किए गए ऐसे ही अध्ययनों पर बहस करने के बाद दो खुराक के बीच चार सप्ताह के अंतराल पर फ़ैसला किया।'

देश से और ख़बरें

इस मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ का सुझाव भी आया था। फ़रवरी में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने डब्ल्यूएचओ की उस सिफारिश की समीक्षा करने के लिए बैठक की थी कि टीके की दो खुराक के बीच के अंतराल को चार सप्ताह से 8-12 सप्ताह तक बढ़ाया जाए या नहीं। 

बता दें कि केंद्र सरकार 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू करने के बाद से ही कोविशील्ड की दोनों खुराकों को 28 दिनों के अंतराल पर लगवा रही है। देश भर में अब तक कोरोना की साढ़े चार करोड़ से ज़्यादा की खुराक लगाई जा चुकी है और इसमें कोवैक्सीन की भी खुराक शामिल है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें