केंद्र सरकार उन 10 राज्यों में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम भेजेगी, जहाँ कोरोना संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे हैं या कोरोना टीकाकरण की रफ़्तार धीमी है।
केंद्र सरकार ने शनिवार को यह एलान किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय उत्तर प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मिज़ोरम, बिहार, झारखंड व पंजाब में टीमें भेजेगी।
इनमें पंजाब और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहाँ अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
इन केंद्रीय टीमों के लोग राज्यों में पाँच दिन रहेंगे और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के लोगों के साथ मिल कर काम करेंगे। वे कोरोना जाँच व निगरानी की स्थिति का जायजा लेंगे और कोरोना दिशा निर्देशों का पालन लागू कराने की दिशा में काम करेंगे।
इसके अलावा टीम के लोग जीनोम सीक्वेंसिंग का भी जायजा लेंगे और देखेंगे कि नमूने ठीक से लिए जा रहे हैं या नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताते हुए कहा है कि ओमिक्रॉन जिस तरह तेज़ी से फैल रहा है उसे देखते हुए कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों से नमूने लेकर उनका जीनोम सीक्वेंसिंग अनिवार्य कर दिया जाए।
हर शाम रिपोर्ट
केंद्रीय टीम हर राज्य में कोरोना टीकाकरण की प्रगति की जाँच करेगी, अस्पतालों में बेड और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता और अस्पताल के बुनियादी ढाँचे की समीक्षा करेगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है, "राज्य स्तरीय केंद्रीय टीमें स्थिति का आकलन करेंगी, उपचारात्मक कार्रवाई का सुझाव देंगी और हर शाम 7 बजे तक सार्वजनिक स्वास्थ्य गतिविधियों पर एक रिपोर्ट सौंपेंगी।"
पाँच राज्य
जिन पाँच राज्यों में सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले पाए गए हैं, वे हैं, केरल (26,265), महाराष्ट्र (12,108), पश्चिम बंगाल (7,466), कर्नाटक (7,280) और तमिलनाडु (6,798)।
लेकिन, जिन राज्यों में अपेक्षाकृत कम मामले सामने आए हैं। वे हैं, मिज़ोरम (1,498), बिहार (79) और झारखंड (273)। इन राज्यों में भी कोरोना टीमें इसलिए भेजी जाएंगी कि वहां कोरोना टीकाकरण की रफ़्तार धीमी है।
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