कांग्रेस और सपा का कहना है कि भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन होने से घबराई हुई है। इसलिए वो पार्टियों को तोड़ने और केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए परेशान करने के स्तर पर उतरी हुई है। यह भाजपा और केंद्र सरकार की हताशा को साफ बता रहा है। सपा और कांग्रेस के इन आरोपों को बुधवार को हुए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम से जोड़ कर देखा जा सकता है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से एक पुराने माइनिंग घोटाले के संबंध में बतौर गवाह समन भेजकर तलब किया है। करीब छह साल से यूपी में भाजपा सरकार है लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी को पुराने मामले की याद अब आई है।