कांग्रेस और सपा का कहना है कि भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन होने से घबराई हुई है। इसलिए वो पार्टियों को तोड़ने और केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए परेशान करने के स्तर पर उतरी हुई है। यह भाजपा और केंद्र सरकार की हताशा को साफ बता रहा है। सपा और कांग्रेस के इन आरोपों को बुधवार को हुए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम से जोड़ कर देखा जा सकता है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से एक पुराने माइनिंग घोटाले के संबंध में बतौर गवाह समन भेजकर तलब किया है। करीब छह साल से यूपी में भाजपा सरकार है लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी को पुराने मामले की याद अब आई है।
अखिलेश को CBI ने कल पूछताछ के लिए बुलाया, इसका क्या अर्थ है?
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- 29 Mar, 2025
अखिलेश यादव और सपा को कांग्रेस से गठबंधन बहुत महंगा पड़ रहा है। राज्यसभा चुनाव में सपा विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करके अखिलेश की साख पर चोट कर दी। सपा ने आरोप लगाया कि भाजपा किसी भी तरह सपा-कांग्रेस तालमेल को बर्दाश्त नहीं कर पा रही। यूपी के घटनाक्रम के बाद सीबीआई ने अखिलेश को समन भेजकर गुरुवार को पूछताछ के लिए बतौर गवाह तलब किया है। ये सारे घटनाक्रम किस तरफ इशारा कर रहे हैंः
