राष्ट्रपति मूर्मु ने कहा कि भारत सरकार "मानव-केंद्रित विकास" पर जोर दे रही है। सरकार एक बड़े दृष्टिकोण पर काम कर रही है - उसके पास अगले 25 वर्षों के लिए एक रोडमैप है। हमारी सरकार के लिए, विकसित भारत सिर्फ आर्थिक समृद्धि के बारे में नहीं है... हम सामाजिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक ताकत को भी उतना ही महत्व देते हैं।" संसद में गुरुवार को 2024 का अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। लोकसभा चुनाव के बाद जब नई सरकार आएगी तो पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश ने कई ऐसे कार्य पूरे होते देखे हैं जिनका देश की जनता को इंतजार था। वर्षों से राम मंदिर निर्माण की आकांक्षा थी, अब यह वास्तविकता है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर आशंकाएं थीं, अब यह इतिहास है। हमारी सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ भी सख्त कानून बनाया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सरकार ने दुनिया में दो युद्धों और कोविड-19 महामारी के बावजूद महंगाई को काबू में रखा है।
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राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- "चाहे आतंकवाद हो या विस्तारवाद, हमारे रक्षा बल 'जैसा को तैसा' नीति के साथ मुकाबला कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा का माहौल है...उत्तर पूर्व में अलगाववाद की घटनाओं में कमी आई है।"
उन्होंने कहा- "अगर आज हम अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों पर नजर डालें तो यह विश्वास बढ़ता है कि भारत सही दिशा में है और सही निर्णय लेकर आगे बढ़ रहा है... हम सभी बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुनते आ रहे हैं। अब बात हम अपने जीवन में पहली बार बड़े पैमाने पर गरीबी उन्मूलन देख रहे हैं।"
मोदी बोले राम-रामः उधर, बजट सत्र शुरू होने से पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद के बाहर विपक्षी सांसदों से आत्मनिरीक्षण करने को कहा, जिन्हें पिछले सत्र में उनके अनियंत्रित व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों का बेलगाम व्यवहार किसी को याद नहीं रहेगा। संसदीय कार्यवाही शुरू होने से पहले मीडियाकर्मियों को अपने पारंपरिक संबोधन में, पीएम मोदी ने 'राम, राम' कहकर अभिवादन किया और कहा कि बजट सत्र पश्चाताप और सकारात्मक पदचिह्न छोड़ने का एक अवसर था और सभी सांसदों से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए कहा।
मोदी के शब्द थे- "मुझे उम्मीद है कि जिन सांसदों को लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाने की आदत है, वे आत्मनिरीक्षण करेंगे कि उन्होंने संसद सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल में क्या किया। जिन लोगों ने संसद में सकारात्मक योगदान दिया, उन्हें सभी याद रखेंगे। लेकिन जिन सदस्यों ने व्यवधान पैदा किया, उन्हें शायद ही याद किया जाएगा।''
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उन्होंने कहा, "यह बजट सत्र पश्चाताप करने और सकारात्मक पदचिह्न छोड़ने का एक अवसर है। मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि वे इस अवसर को न चूकें और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें।" उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू का संयुक्त बैठक का संबोधन और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अंतरिम बजट पेश करना नारी शक्ति का त्योहार है।
शीतकालीन सत्र के दौरान नए संसद भवन में पारित किए जा रहे महिला आरक्षण विधेयक को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''इस नए संसद भवन में बुलाए गए पहले सत्र के अंत में, संसद ने एक गरिमामय निर्णय लिया - नारी शक्ति वंदन अधिनियम। हमने देखा कि कैसे 26 जनवरी को देश ने नारी शक्ति की क्षमता, उसके शौर्य, उसके संकल्प की ताकत को अनुभव किया था।''
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