संसद का बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने अपने अभिभाषण में रामजन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद की स्थिति से लेकर, तीन तलाक़ क़ानून, जम्मू-कश्मीर तक का ज़िक्र किया। प्रदर्शनों के दौरान हिंसा को लेकर राष्ट्रपति ने कहा कि विरोध के नाम पर हिंसा देश को कमज़ोर करती है। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन क़ानून बनाकर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का सपना पूरा किया गया। इस बीच नागरिकता क़ानून को लेकर विपक्ष ने संसद में शोर-शराबा भी किया। बता दें कि देश भर में नागरिकता क़ानून को लेकर प्रदर्शन चल रहे हैं। शुरुआती दिनों में यानी क़रीब महीने भर पहले कई जगहों पर ज़बरदस्त हिंसा हुई थी। इसमें कम से कम दो दर्जन लोगों की जानें चली गई हैं। हालाँकि बाद में प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे हैं।
बहरहाल, राष्ट्रपति कोविंद ने जम्मू-कश्मीर का ज़िक्र भी किया। उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को ख़त्म करना न सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि इसने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के समान विकास का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सरकार की योजनाओं ने हर धर्म के ग़रीबों को सुविधाएँ पहुँचाई हैं। राष्ट्रपति ने कहा, ‘क्या जम्मू कश्मीर के लोग उन मूलभूत अधिकारों के हकदार नहीं हैं जो पूरे देश को दिए जाते हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को बाक़ी देशवासियों की तरह अधिकार मिले हैं।’
राष्ट्रपति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि पर फ़ैसले के बाद जनता ने जिस तरह से परिपक्वता का परिचय दिया वह प्रशंसनीय है। उन्होंने इस लोकसभा के पहले सत्र में काम निपटाने में तेज़ी आने का ज़िक्र किया। राष्ट्रपति ने तीन तलाक़ क़ानून, अनियमितता जमा योजना प्रतिबंध क़ानून, चिटफंड संशोधन क़ानून, यौन अपराधों की सज़ा सख्त करने वाले क़ानूनों को ऐतिहासिक क़ानून बताया।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार के प्रयास से इस सदी को भारत की सदी बनाने की मज़बूत नींव रखी जा चुकी है।
आर्थिक मामलों पर ज़ोर दिया जाए: प्रधानमंत्री
बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि मैं चाहता हूँ कि दोनों सदनों में आर्थिक मामलों और सशक्तीकरण पर ज़ोर दिया जाए। मोदी ने कहा, ‘आज राष्ट्रपति जी का अभिभाषण होगा और कल बजट पेश किया जाएगा। वैश्विक आर्थिक स्थितियों के संदर्भ में भारत किस प्रकार से फायदा उठा सकता है। अपनी आर्थिक गतिविधि को मज़बूत बनाते हुए वैश्विक परिवेश का अधिकतम लाभ भारत को मिले।’
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