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सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बीआरएस नेता के कविता मंगलवार शाम तिहाड़ जेल से बाहर आईं। उन्होंने जेल से बाहर निकलते ही 'जय तेलंगाना' का नारा लगाया। उनके समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। तिहाड़ जेल से बाहर निकलने के बाद बीआरएस नेता के कविता ने कहा, 'हम लड़ेंगे और खुद को निर्दोष साबित करेंगे।' उन्होंने कहा, 'हम लड़ाकू हैं, हम कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ेंगे। उन्होंने बीआरएस और केसीआर की टीम को अटूट ही बनाया है।'
दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में कविता के ख़िलाफ़ सीबीआई और ईडी कार्रवाई कर रही है। अदालत ने जमानत देते हुए मनीष सिसोदिया केस और ट्रायल में देरी का हवाला दिया। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह आदेश इस बात पर गौर करने के बाद पारित किया कि जांच पूरी हो चुकी है और सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगेगा।
दिलचस्प बात यह है कि अदालत ने दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देने के अपने पहले के आदेश का भी हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जैसा कि सिसोदिया के फैसले में कहा गया था, इस मामले में सुनवाई में समय लगने की संभावना है।
तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को मार्च में ईडी ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। एक महीने बाद उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया।
लाइल लॉ की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के दौरान अभियोजन एजेंसी सीबीआई, ईडी की निष्पक्षता पर सवाल उठाया और कुछ आरोपियों को सरकारी गवाह बनाने में उनके चुनिंदा रवैये की आलोचना की।
सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा,
“
अभियोजन पक्ष को निष्पक्ष होना चाहिए। जो व्यक्ति खुद को दोषी ठहराता है, उसे गवाह बना दिया गया है! कल आप अपनी मर्जी से किसी को भी चुन सकते हैं? आप किसी भी आरोपी को चुन-चुनकर नहीं रख सकते। यह निष्पक्षता क्या है? बेहद निष्पक्ष और सही विवेक!
जस्टिस बीआर गवई, सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि 'जाँच पूरी हो चुकी है और सीबीआई तथा ईडी दोनों मामलों में आरोपपत्र व अभियोजन शिकायत दायर की जा चुकी है। इसलिए, याचिकाकर्ता, जो पांच महीने से अधिक समय से सलाखों के पीछे है, से हिरासत में पूछताछ अब ज़रूरी नहीं है। साथ ही, दोनों मामलों में मुक़दमे जल्द ही पूरे होने की संभावना नहीं है, क्योंकि करीब 493 गवाहों की जांच की जानी है और दस्तावेजी साक्ष्य करीब 50,000 पन्नों के हैं।'
पीठ ने मनीष सिसोदिया के फैसले में अपनी टिप्पणी को दोहराया कि विचाराधीन हिरासत को सजा में नहीं बदला जाना चाहिए। पीठ ने आगे कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 45(1) के प्रावधान के तहत महिला को जमानत के मामले में विशेष विचार का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना की कि धारा 45 पीएमएलए के प्रावधान उच्च दर्जे की महिला पर लागू नहीं होते हैं।
अदालत ने आदेश में कहा, 'यह न्यायालय चेतावनी देता है कि ऐसे मामलों पर निर्णय लेते समय न्यायालयों को न्यायिक रूप से विवेक का प्रयोग करना चाहिए। न्यायालय यह नहीं कहता कि केवल इसलिए कि कोई महिला अच्छी तरह से शिक्षित या परिष्कृत है या संसद सदस्य या विधान परिषद की सदस्य है, उसे पीएमएलए अधिनियम की धारा 45 के प्रावधान का लाभ नहीं मिल सकता। हम पाते हैं कि विद्वान एकल पीठ ने खुद को पूरी तरह से गलत दिशा में निर्देशित किया है।'
अदालत ने कविता को दोनों मामलों में 10-10 लाख रुपये के बांड पेश करने पर जमानत पर रिहा करने की अनुमति दी। न्यायालय ने पासपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया और कहा कि उसे जमानतदारों को प्रभावित या डराने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत मंगलवार को समाप्त हो जाएगी और मामले में आगे की सुनवाई के लिए उनके अदालत में पेश होने की संभावना है। आबकारी नीति से जुड़े कथित धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के बाद से वह मार्च से ही न्यायिक हिरासत में हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में अंतरिम जमानत दे दी। अदालत ने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को बड़ी बेंच के पास भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि उन्हें 90 दिनों से अधिक समय तक जेल में रहना पड़ा है और यह मुद्दा जीवन के अधिकार और एक व्यक्ति की आजादी से जुड़ा हुआ है। हालाँकि, इस मामले में जमानत मिलने के बाद उनको सीबीआई ने गिरफ़्तार कर लिया।
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