भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि अगर सरकार किसानों को दिल्ली जाने की इजाजत नहीं देगी तो चुनाव के दौरान किसान उन्हें अपने गांवों में भी घुसने नहीं देंगे। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और दिल्ली में 2020-21 के किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले कुछ किसानों के खिलाफ आपराधिक मामलों को वापस लेने की मांग पर दबाव बनाने के लिए बुधवार को मेरठ में किसानों ने कलक्ट्रेट तक पहुंचने के लिए ट्रैक्टर मार्च निकाला।
अधिकारियों ने किसानों को कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचने से रोकने के लिए कई स्थानों पर बैरिकेड लगाए, लेकिन आंदोलनकारियों ने उन्हें हटा दिया।
राकेश टिकैत ने कहा- "सड़क पर कीलें लगाना उचित नहीं है। अगर वे हमारे रास्ते में कीलें लगाएंगे तो हम भी अपने गांवों में ऐसा ही करेंगे। हमें भी अपने गांवों की बैरिकेडिंग करनी होगी। अगर वे हमें दिल्ली नहीं पहुंचने दे रहे हैं तो हम ऐसा करेंगे।" किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए सड़कों पर लगाई जा रही लोहे की कीलों जैसी बाधाओं के बारे में पूछे जाने पर पत्रकारों से कहा, ''हम उन्हें अपने गांवों में प्रवेश नहीं करने देंगे।''
बीकेयू के जिला प्रधान अनुराग चौधरी ने बताया कि किसानों को रोकने के लिए तीन जगह बैरिकेड लगाए गए, लेकिन फिर भी वे कलक्ट्रेट तक पहुंच गए। इसी तरह बागपत में भी एसकेएम के आह्वान पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली और जिला मुख्यालय पहुंचे।
जिला बीकेयू अध्यक्ष प्रताप गुर्जर ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अनिश्चितकालीन धरना देंगे और पंजाब के किसानों को समर्थन देने की घोषणा करेंगे।
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