बीजेपी दावा करती है कि मोदी सरकार ने आम आदमी के जीवन को बेहतर करने के लिए अनगिनत काम किए हैं। उसके नेता लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि देखो जनता का मोदी जी पर विश्वास है। तो फिर वह किसी राज्य का विधानसभा चुनाव जीतने के लिए खुल्लम-खुल्ला सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का खेल क्यों खेल रही है। हम बात कर रहे हैं कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव की।
दिल्ली जीतने के लिए बीजेपी के पास सिर्फ़ धार्मिक ध्रुवीकरण का रास्ता बचा?
- देश
- |
- 23 Jan, 2020
बीजेपी दिल्ली का विधानसभा चुनाव जीतने के लिए खुल्लम-खुल्ला धार्मिक ध्रुवीकरण का खेल क्यों खेल रही है?

दिल्ली में विधानसभा चुनाव का घमासान शिखर पर है और बीजेपी यहां जीत हासिल करना चाहती है। लेकिन जीत हासिल करने के लिए वह यह क्या कर रही है। आप दिल्ली बीजेपी के वैरीफ़ाइड ट्विटर हैंडल पर लगी तसवीर को देखिये। इस तसवीर के एक हिस्से में आग में धूं-धूं कर जल रही डीटीसी बस को दिखाया गया है और दूसरे हिस्से में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुसलिम टोपी और रुमाल में दिखाया गया है। यह बस नागरिकता संशोधन क़ानून के दौरान जामिया के छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के दौरान जली थी। केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला ख़ान खड़े हैं। यह वही अमानतुल्ला ख़ान हैं जिन्हें बीजेपी के नेता खुलेआम दंगाई बताते नहीं थकते।