दिल्ली बीजेपी के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने मुसलमानों के प्रति नफरत उगलते हुए एक समुदाय का पूरी तरह बहिष्कार करने की बात कही है। प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “जहां-जहां यह लोग आपको दिखाई दें, मैं आपको कहता हूं कि अगर आपको इनका दिमाग ठीक करना है, इनकी तबीयत ठीक करनी है तो इनका एक ही इलाज है वह है संपूर्ण बहिष्कार।”
प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने बारिश में मौजूद वहां लोगों से पूछा कि क्या वे इस बात के लिए तैयार हैं और अगर तैयार हैं तो वे लोग हाथ खड़े करके उन्हें समर्थन दें।
बीजेपी सांसद ने लोगों से कहा कि वह इस बात को दोहराएं कि इस समुदाय के लोगों का संपूर्ण बहिष्कार किया जाएगा।
वर्मा ने आगे कहा, “लोग इस बात का संकल्प लें कि हम इनकी दुकान और रेहड़ियों से कोई सामान नहीं खरीदेंगे और हम इन्हें किसी तरह की मजदूरी नहीं देंगे और यही इनका इलाज है।”
बीजेपी सांसद ने कहा कि यह लोग रेहड़ियां लगा रहे हैं, इनकी रेहड़ियों से सब्जी नहीं खरीदी जाए, यह लोग मांस-मछली की दुकान खोलते हैं, एमसीडी से कहकर ऐसे लोग जिनके पास लाइसेंस नहीं है उनकी दुकानों को बंद कराया जाए और इनके रेस्तरां का संपूर्ण बहिष्कार किया जाए।
इस कार्यक्रम में मौजूद गाजियाबाद जिले की लोनी विधानसभा सीट से विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने भी आपत्तिजनक बयान दिया। गुर्जर ने कहा कि ट्रेनों में भर-भर के बांग्लादेश से रोहिंग्याओं और जेहादियों को लाकर दिल्ली में बसाया जा रहा है।
पहले भी दिया था भड़काऊ बयान
बताना होगा कि बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा इससे पहले भी इस तरह की बयानबाजी कर चुके हैं। दिल्ली में साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले जब सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में आंदोलन चल रहा था तब भी प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने ऐसा ही बयान दिया था। तब वर्मा ने कहा था,‘...दिल्ली की जनता जानती है जो आग आज से कुछ साल पहले कश्मीर में लगी थी, वहां कश्मीरी पंडितों की बहन-बेटियों से रेप हुआ था। इसके बाद ये आग यूपी, केरल, हैदराबाद में लगती रही और आज ये आग दिल्ली के एक कोने में लग गई है।’
वर्मा ने आगे कहा था, ‘वहां लाखों लोग इकट्ठा हो जाते हैं, ये आग कभी भी दिल्ली के घरों तक पहुंच सकती है, हमारे घर में पहुंच सकती है। दिल्ली वालों को सोच-समझकर फ़ैसला लेना पड़ेगा। ये लोग आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहन-बेटियों को उठायेंगे, उनके साथ रेप करेंगे, उनको मारेंगे। इसलिए आज समय है, कल मोदी-अमित शाह नहीं आयेंगे बचाने। इसलिए दिल्ली के लोग आज अगर जाग जायेंगे, तो अच्छा रहेगा। दिल्ली के लोग तब तक सुरक्षित महूसस करेंगे जब तक मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं।’
प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कुछ साल पहले यह बयान भी दिया था कि दिल्ली के कई हिस्सों में सरकारी जमीन और सड़कों पर मस्जिदों की तादाद तेजी से बढ़ रही है और इससे यातायात प्रभावित हो रहा है।
हाल ही में तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी. राजा सिंह ने भी आपत्तिजनक बयानबाजी की थी लेकिन तब बीजेपी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। लेकिन उसके बाद आगे कोई कार्रवाई नहीं की।
सवाल यहां यह खड़ा होता है कि एक ओर बीजेपी अपने नेताओं को किसी तरह की भड़काऊ बयानबाजी न करने का निर्देश देती है और दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी के सांसद सार्वजनिक मंच पर इस तरह की बयानबाजी करते हैं। याद दिलाना होगा कि बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद पार्टी की ओर से अपने तमाम प्रवक्ताओं के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे और बेवजह की बयानबाजी से बचने के लिए कहा गया था।
मोहन भागवत की पहल
यहां जिक्र करना जरूरी होगा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत कुछ दिन पहले दिल्ली की एक मसजिद में गए थे और उनकी ओर से इसे दोनों समुदायों के बीच खाई को पाटने की कोशिश माना गया था। उससे पहले अगस्त महीने में संघ प्रमुख ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी। भागवत ने ज्ञानवापी मसजिद विवाद के बीच बयान दिया था कि हर मसजिद के नीचे शिवलिंग खोजने की क्या जरूरत है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि हम सभी का डीएनए एक है। संघ प्रमुख ने यह भी कहा था कि राम मंदिर के बाद हम कोई आंदोलन नहीं करेंगे और मुद्दों को आपस में मिलकर-जुलकर सुलझाएं।
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