क्या बीजेपी की आस्था संविधान में नहीं है? क्या वह भारतीय संविधान को पूरी तरह से बदलना चाहती है? और क्या वह संसद के दोनों सदनों में बहुमत से आने के बाद संविधान को पूरी तरह ख़ारिज कर देगी? ये सवाल बीजेपी के बारे में रह-रह कर उठते हैं। और इन सवालों को हवा देते हैं इस पार्टी के नेता जो समय-समय पर कहते हैं कि वे संविधान बदल देंगे?