नूंह हिंसा से जुड़े केस में पिछले दिनों चर्चा में आए बिट्टू बजरंगी को मंगलवार को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे उसके फरीदाबाद स्थित घर से गिरफ्तार किया गया है। बिट्टू बजरंगी को सरकारी काम में बाधा डालने, हथियार छीनने और पुलिस से बुरा बर्ताव करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
एएनआई ने फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता के हवाले से बताया कि पूछताछ के बाद नूंह पुलिस ने बिट्टू बजरंगी को गिरफ्तार कर लिया है। बिट्टू बजरंगी और 15-20 अन्य के खिलाफ थाना सदर नूंह में अवैध हथियार अधिनियम और आईपीसी की धारा 148/149/332/353/186/395/397/506 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बिट्टू बजरंगी और 15-20 अन्य लोगों ने तलवार जैसे हथियारों के साथ नूंह में एक महिला पुलिस अधिकारी के सामने नारे लगाए थे।
भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर डाले थे
पिछली 31 जुलाई को नूंह में हुई ब्रजमंडल यात्रा से पहले बिट्टू बजरंगी ने कई भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर डाले थे। हिंसा से ठीक पहले सोशल मीडिया पर बिट्टू बजरंगी का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में बिट्टू ने कहा था कि, ''उनको पूरी लोकेशन दे दो, मैं कहां-कहां आ रहा हूं। नहीं तो बाद में बोलेंगे, बताया नहीं कि हम आए और मुलाकात नहीं हुई। इसलिए हम पूरी लोकेशन दे रहे हैं। हमारे लिए फूल माला तैयार रखना'। इस मामले में उस पर एफआईआर दर्ज हुआ थी। हालांकि उसे जमानत पर छोड़ दिया गया था।
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इसके बाद पुलिस की कार्यशैली की काफी आलोचना हो रही थी। सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे थे कि आखिर बिट्टू को क्यों इतनी आसानी से जमानत मिल गई। हिंसा भड़ाने का आरोप बिट्टू पर लगाया जा रहा था। उसकी गिरफ्तारी की मांग सोशल मीडिया पर की जा रही थी। वही नूंह पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने बताया है कि 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद सदर थाने में आईपीसी की धारा 148,149, 332, 353, 186, 395, 397, 506 और आर्म्स एक्ट के तहत एसीपी उषा कुंडू की शिकायत पर केस दर्ज किया गया था। पुलिस टीमों ने हिंसा से जुड़े वीडियो की जांच की है। इस एफआईआर के आधार पर ही बिट्टू की गिरफ्तारी हुई है।
नूंह हिंसा का 5 जिलों में दिखा था असर
नूंह में 31 जुलाई को ब्रजमंडल शोभा यात्रा निकाली जा रही थी। इसी दौरान तिरंगा चौक पर पथराव के बाद हिंसा शुरू हो गई थी। दंगाईयों ने यात्रा में आए लोगों की गाड़ियों से जमकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी थी। कई दुकानों में लूटपाट और आगजनी की घटना भी हुई थी। नूंह हिंसा का असर हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी और पानीपत जिलों में देखा गया था।
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हिंसा के बाद नूंह के कई अधिकारी बदले गए
31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा की गाज जिले के कई अफसरों पर गिर चुकी है। हिंसा के बाद राज्य सरकार ने नूंह के एसपी वरूण सिंगला को हटा दिया था। उनकी जगह पर पहले नूंह में रह चुके नरेंद्र बिजारणिया को भेजा गया है। सरकार ने नूंह के उपायुक्त प्रशांत पंवार को भी हटा दिया था। उनकी जगह पर धीरेंद्र खड़गटा को भेजा गया है। नरेंद्र बिजारणिया और धीरेंद्र खड़गटा, दोनों अधिकारी पहले नूंह में तैनात रह चुके हैं। दोनों के अनुभव और बेहतर रिकॉर्ड को देखते हुए नूंह में उन्हें भेजा गया है। पुलिस प्र्शासन हिंसा के आरोपियों की पहचान और उन्हें पकड़ने के लिए पूरे जिले में अभियान चला रहा है।अब शर्तों के साथ दी जाएगी ब्रजमंडल यात्रा को मंजूरी
31 जुलाई को नूंह में हिंसा के बाद, अधूरी ब्रजमंडल यात्रा की फिर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस बार नूंह पुलिस संभावित यात्रा को लेकर काफी सतर्कता बरत रही है।अब कई शर्तों के साथ यात्रा की मंजूरी दी जाएगी। पुलिस के अधिकारियों ने कहा है कि अब वे यात्रा से शांति को खतरा नहीं होने देंगे। अगर यात्रा फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाती है तो लाइसेंसी हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे।प्राप्त सूचना के मुताबिक अभी तक विश्व हिंदू परिषद या बजरंग दल की ओर से यात्रा की मंजूरी के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया है। लेकिन अधूरी ब्रजमंडल यात्रा को फिर से करने का हिंदू संगठनों की महापंचायत में फैसला लिया जा चुका है। इसके लिए 28 अगस्त की संभावित तिथि रखी गई है। इस तिथि में परिवर्तन भी हो सकता है।
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