कोविन पोर्टल से डाटा लीक किए जाने के मामले में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने बिहार से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा है कि आरोपी को टेलीग्राम बॉट बनाने के लिए उसके आवास से गिरफ्तार किया गया। उस पर आरोप है कि वह नागरिकों का संवेदनशील डाटा साझा कर रहा था। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गिरफ़्तार आरोपी की मां बिहार में स्वास्थ्यकर्मी के तौर पर काम करती हैं और उनसे भी पूछताछ की जा रही है।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की यह कार्रवाई तब हो रही है जब क़रीब 10 दिन पहले भारत में कोविड वैक्सिन के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले लाखों लोगों का डाटा लीक होने की ख़बर आई थी। दावा किया गया कि राजनेताओं समेत कई मशहूर लोगों के पासपोर्ट, आईडी कार्ड के नंबर, जन्मदिन और फ़ोन नंबर जैसी जानकारियाँ टेलीग्राम ऐप पर सार्वजनिक हो गई थीं। ट्विटर पर कई लोगों ने टेलीग्राम ऐप के स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया कि वो लोगों की जानकारियाँ देख सकते हैं। दावा किया गया था कि टेलीग्राम ऐप पर किसी का नंबर डालकर उनसे जुड़ी जानकारियाँ हासिल की जा सकती थीं।
हालाँकि, इस ख़बर का सरकार की ओर से खंडन किया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कोविन प्लैटफ़ॉर्म पूरी तरह से सुरक्षित है। उसने कहा था कि ये रिपोर्ट बिना किसी आधार के हैं, और गलत प्रवृति के हैं। सरकार की ओर से कहा गया था, 'बिना ओटीपी वैक्सिन लेने वालों का डाटा नहीं शेयर किया जा सकता है। व्यस्क टीकाकरण में सिर्फ़ जन्म का साल रिकॉर्ड किया जाता है, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बॉट जन्म की तारीख़ बता रहा। टीका लेने वालों से उनके पते की जानकारी नहीं ली गई है।'
बता दें कि टेलीग्राम बॉट द्वारा जिन डाटा को एक्सेस किया गया था, उसमें लिंग, जन्मतिथि, आधार कार्ड, पता, टीकाकरण के लिए केंद्र आदि जैसे डेटा का पता चला था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्होंने CERT-In के साथ मिलकर मामले की जांच की और टेलीग्राम प्लेटफॉर्म से बॉट और उसके निर्माता के बारे में विवरण देने को कहा।
तकनीकी निगरानी का उपयोग करके आरोपी की पहचान की गई। उसे बिहार में उसके आवास से गिरफ्तार किया गया। रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा, 'हमें संदेह है कि सिस्टम में सेंध लगाने के लिए उसने अपनी मां की मदद ली। उसने एक बॉट बनाया और उसे टेलीग्राम पर शेयर किया। हम जानते हैं कि वह किसी विशेष को डाटा नहीं बेच रहा था। उसने सिस्टम को हैक करने की कोशिश की और वह सफल रहा। जब उसे एहसास हुआ कि वह सारा डाटा ऑनलाइन डाल सकता है, तो उसने ऐसा किया। हमें नहीं लगता कि उसका कोई अन्य गलत उद्देश्य था।'
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