ईडी ने मंगलवार को बेंगलुरु में आठ स्थानों पर छापेमारी की। इसमें अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस द्वारा समर्थित ओपन सोसाइटी फाउंडेशन यानी ओएसएफ के परिसर भी शामिल हैं। यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानी फेमा के कथित उल्लंघन की जांच के तहत की जा रही है। यह घटना न केवल वित्तीय अनियमितताओं की ओर इशारा करती है, बल्कि भारत में विदेशी फंडिंग और राजनीतिक विवाद के मुद्दों को भी उजागर करती है। यह राजनीतिक विवाद का मुद्दा इसलिए भी है क्योंकि सोरोस मोदी सरकार की कई बार तीखी आलोचना कर चुके हैं और बीजेपी लगातार जॉर्ज सोरोस को राहुल गांधी और कांग्रेस से जोड़कर हमला करती रही है।
जॉर्ज सोरोस से जुड़ी संस्था पर बेंगलुरु में ईडी की छापेमारी क्यों?
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- 18 Mar, 2025
ईडी ने बेंगलुरु में जॉर्ज सोरोस समर्थित ओपन सोसाइटी फाउंडेशन पर छापेमारी की। आरोप है कि इसने विदेशी फंडिंग नियमों का उल्लंघन किया। जानें कार्रवाई क्यों।

राजनीतिक विवाद की वजहों को जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर ईडी के छापे की यह कार्रवाई क्यों की गई है। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि गृह मंत्रालय ने 2016 में ओएसएफ़ को 'प्रायर रेफरेंस कैटेगरी' में डाल दिया था, जिससे इसे भारत में बिना सरकारी अनुमति के फंड देने से रोक दिया गया था। लेकिन आरोप है कि ओएसएफ़ ने भारत में अपनी सहायक संस्थाओं के ज़रिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और कंसल्टेंसी फीस के रूप में फंड लाकर कई एनजीओ को दिया, जो ईडी के अनुसार फेमा क़ानून का उल्लंघन है।