भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री की 9 दिसंबर की यात्रा से पहले बाँग्लादेश ने भारत को एक और झटका दिया है। इसने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में तेज़ इंटरनेट सप्लाई के लिए बैंडविथ समझौता को रद्द कर दिया है। बांग्लादेश द्वारा उठाए गए इस क़दम से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में इंटरनेट सेवा पर काफ़ी ज़्यादा असर पड़ेगा। मुहम्मद यूनुस सरकार के इस नए क़दम को पाकिस्तान के साथ संबंधों को मज़बूत करने वाला और भारत के हितों को कमज़ोर करने वाला माना जा रहा है।
बांग्लादेश ने दिया झटका, पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बैंडविथ आपूर्ति सौदा रद्द किया
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- 8 Dec, 2024
बांग्लादेश ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बैंडविथ आपूर्ति सौदा रद्द करने का फ़ैसला ऐसे समय में लिया है जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव है, खासकर बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर।

दरअसल, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने शेख हसीना सरकार के उस समझौते को पलट दिया है जिसमें निजी दूरसंचार ऑपरेटरों को कनेक्टिविटी की कमी वाले इस क्षेत्र में बैंडविड्थ की आपूर्ति के लिए बांग्लादेश को ट्रांजिट बिंदु के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई थी।