राम जन्मभूमि-बाबरी मसजिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में शुक्रवार को सुनवाई हुई।
 सुनवाई के दौरान जस्टिस कलीफ़ुल्ला कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफ़ाफे में सर्वोच्च अदालत को सौंपी। मध्यस्थता कमेटी ने अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए संविधान पीठ से और समय देने की माँग की, जिसे पीठ ने स्वीकार कर लिया। 
कमेटी की रिपोर्ट को देखने के बाद संविधान पीठ ने मध्यस्थता कमेटी का कार्यकाल 15 अगस्त तक बढ़ा दिया है। सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि हम यह नहीं बता सकते कि इस मामले में क्या प्रगति हुई है क्योंकि यह गोपनीय है। बताया जा रहा है कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में मध्यस्थता को लेकर सकारात्मक प्रगति की बात कही है। 
देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर की संविधान पीठ ने मामले की सुनवाई की।