अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के नौवें दिन बुधवार को रामलला विराजमान के वकील सी. एस. वैद्यनाथन ने कहा कि अगर जन्मस्थान ही देवता है, अगर संपत्ति ख़ुद में एक देवता है तो ज़मीन के मालिकाना हक़ का दावा कोई नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान रामलला नाबालिग हैं और ऐसे में नाबालिग की ज़मीन को न तो बेचा जा सकता है और न ही छीना जा सकता है।
अयोध्या विवाद- संपत्ति ही देवता तो दूसरे का हक़ कैसे: हिंदू पक्ष
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- 21 Aug, 2019
अयोध्या विवाद में सुनवाई में रामलला विराजमान के वकील ने कहा कि अगर जन्मस्थान देवता है, अगर संपत्ति ख़ुद में एक देवता है तो ज़मीन के मालिकाना हक़ का दावा कोई नहीं कर सकता।

सुनवाई के दौरान एक सवाल पर वैद्यनाथन ने दलील दी कि यदि वहाँ पर कोई मंदिर नहीं था, कोई देवता नहीं है तो भी जन्मभूमि के प्रति लोगों की काफ़ी आस्था है। ऐसे में वहाँ पर मूर्ति रखने से पवित्रता ही आएगी। बता दें कि फ़िलहाल रामलला की ही दलीलें सुनी जा रही हैं। बाद में दूसरे पक्ष की दलीलें सुनी जाएँगी।