क्या किसी मुसलिम युवक के साथ हुई बेवजह मारपीट का विरोध करना कोई ग़ुनाह है? आप कहेंगे नहीं, मुसलिम क्या किसी के भी साथ धर्म, जाति, भाषा क्षेत्र के आधार पर भेदभाव क़तई नहीं होना चाहिए और मारपीट को तो बर्दाश्त किया ही नहीं जा सकता।