क्या किसी मुसलिम युवक के साथ हुई बेवजह मारपीट का विरोध करना कोई ग़ुनाह है? आप कहेंगे नहीं, मुसलिम क्या किसी के भी साथ धर्म, जाति, भाषा क्षेत्र के आधार पर भेदभाव क़तई नहीं होना चाहिए और मारपीट को तो बर्दाश्त किया ही नहीं जा सकता।
क्या बीजेपी में मुसलिमों के पक्ष में आवाज़ उठाना ग़ुनाह है?
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- 28 May, 2019
मुसलिम युवक मोहम्मद बरकत को कुछ युवकों द्वारा पीटे जाने का जब बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने विरोध किया तो उन्हें अपनी ही पार्टी के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा।

लेकिन बीजेपी सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को एक मुसलिम युवक के साथ मारपीट का विरोध करने पर अपनी ही पार्टी के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। बीजेपी की विचारधारा का समर्थन करने वाले लोगों ने भी गंभीर का विरोध किया। पहले बताते हैं कि यह मामला क्या है।