एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जेड श्रेणी की सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि वह जेड-श्रेणी की सुरक्षा नहीं चाहते हैं। इसके बदले में उन्होंने पूछा कि हमलावरों पर यूएपीए के तहत मुक़दमा क्यों दर्ज नहीं किया जा रहा है?
ओवैसी ने यह भी खुलासा किया कि क़रीब छह बजे राष्ट्रीय राजमार्ग 24 के हापुड़-गाजियाबाद खंड पर छिजारसी टोल प्लाजा के पास हुए हमले से पहले दो लोगों ने रेकी की थी। ओवैसी पर गुरुवार शाम को उस वक्त हमला हुआ था जब वह मेरठ से दिल्ली के लिए लौट रहे थे। गुरुवार को उत्तर प्रदेश के हापुड़ में उनकी कार पर फ़ायरिंग हुई थी। इस हमले में वह बाल-बाल बचे थे। ओवैसी को हमले के बाद सीआरपीएफ़ की ओर से शुक्रवार को जेड सिक्योरिटी दी गई।
ओवैसी ने कहा, 'मेरा सवाल यह है कि वे लोग कौन हैं जो बुलेट में विश्वास करते हैं, बैलेट में नहीं? ये लोग कौन हैं जो इतने कट्टरपंथी हैं कि वे आंबेडकर के संविधान में विश्वास नहीं करते हैं।'
ओवैसी ने आगे कहा कि युवाओं का कट्टरवाद देश के लिए ख़तरा है। उन्होंने कहा, 'जो लोगों को कट्टरपंथी बना रहे हैं, उन पर यूएपीए के तहत मामला क्यों नहीं दर्ज किया जा रहा है? अगर कोई भड़काऊ भाषण देता है, तो उन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज नहीं किया जाता है, लेकिन क्रिकेट मैच पर प्रतिक्रिया देने वाले को इस कड़े क़ानून का सामना करना पड़ता है।'
ओवैसी ने कड़े आतंकवाद विरोधी क़ानून का ज़िक्र करते हुए कहा,
“
मुझे जेड श्रेणी की सुरक्षा नहीं चाहिए। मैं आप सभी के समान ए श्रेणी का नागरिक बनना चाहता हूँ। मुझ पर गोली चलाने वालों के ख़िलाफ़ यूएपीए क्यों नहीं लगाया गया?
असदुद्दीन ओवैसी
इस क़ानून का हाल के दिनों में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों और केंद्र द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है।
ओवैसी ने संसद में कहा, 'मैं जीना चाहता हूँ, बोलना चाहता हूँ। गरीब सुरक्षित होने पर मेरा जीवन सुरक्षित रहेगा। मैं उन लोगों से नहीं डरूंगा जिन्होंने मेरी कार पर गोली चलाई।'
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (क़ानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा है कि ओवैसी के प्रतिनिधि यामीन खान की तहरीर पर थाना पिलखुआ में पुलिस ने केस दर्ज किया है और इस मामले में सचिन शर्मा निवासी बादलपुर जिला- गौतम बुद्ध नगर और शुभम निवासी सापला बेगमपुर थाना नकुड़ जिला सहारनपुर को गिरफ्तार किया गया है।
एडीजी ने कहा है कि अभी तक की पूछताछ से यह तथ्य प्रकाश में आए हैं कि ओवैसी के द्वारा धर्म विशेष के प्रति भड़काऊ भाषण और 2013-14 के दौरान अयोध्या में मंदिर के प्रति जो टिप्पणी उन्होंने की थी उससे आहत होकर हमलावरों ने इस घटना को अंजाम दिया है।
इधर, ओवैसी के हमलावरों को शुक्रवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हापुड़ के एसपी ने यह जानकारी दी है।
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