कोरोना संक्रमण से उबरने या फिर वैक्सीन लगाने से शरीर में आई एंटीबॉडी के तीन महीने में धीरे-धीरे ख़त्म होने से जो चिंताएँ उठ रही थीं, वह दरअसल, ज़्यादा चिंता की बड़ी वजह नहीं है। यदि शरीर में एंटीबॉडी ख़त्म भी हो जाए तो हमारे इम्युन सिस्टम में बी सेल और टी सेल ऐसे हैं जो कोरोना वायरस को याद रख लेते हैं। फिर जब शरीर पर ऐसे वायरस का हमला होता है तो प्रतिक्रिया में इम्युन सिस्टम तुरत काम शुरू कर देता है और मरीज को गंभीर स्थिति में नहीं पहुँचने देता है। यानी तीन महीने में एंटीबॉडी ख़त्म भी हो जाए तो इम्युन सिस्टम उस वायरस को 6 महीने बाद भी याद रखता है। यानी इसे इम्युन सिस्टम का बैक-अप प्लान कह सकते हैं। इसे बूस्टर खुराक की ज़रूरत भी नहीं होती है।