हिंदी दिवस के मौक़े पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जब कहा कि पूरे देश की एक भाषा होना बेहद ज़रूरी है जो विश्व में भारत की पहचान बन सके तो इस पर संग्राम छिड़ गया। दक्षिण के कुछ नेताओं ने इसका पुरजोर विरोध किया और कहा कि शाह हिंदी को थोपने की कोशिश न करें। अमित शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वह सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है। हालाँकि शाह ने यह भी कहा कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है।