बीजेपी नेता नूपुर शर्मा को धमकी देने वाले अजमेर दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती को लेकर अजमेर दरगाह के थाने के सीओ का एक वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो के वायरल होने के बाद राजस्थान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सीओ संदीप सारस्वत को लाइन हाजिर कर दिया है।
वायरल वीडियो को लेकर दावा है कि यह तब का है जब पुलिस सलमान चिश्ती को गिरफ्तार करने पहुंची थी। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही सलमान चिश्ती का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उसने कहा था कि जो नूपुर शर्मा की गर्दन लाएगा उसे वह अपना घर इनाम में दे देगा।
चिश्ती का वीडियो बहुत तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और उसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि दरगाह की अंजुमन कमेटी ने चिश्ती के बयान से पूरी तरह किनारा कर लिया था।
अब जो नया वीडियो आया है उसमें यह दावा किया गया है कि अजमेर दरगाह थाने के सीओ ने सलमान चिश्ती की गिरफ्तारी के बाद उससे कहा था कि वह यह बोल दे कि वह नशे में था।
इससे पहले सीओ ने सलमान चिश्ती से पूछा था कि उसने वीडियो बनाने के दौरान कौन सा नशा किया था। सलमान चिश्ती कहता है कि वह नशा नहीं करता। सीओ के साथ सलमान चिश्ती का यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और बीजेपी के तमाम नेताओं ने राजस्थान पुलिस के कामकाज को लेकर सवाल खड़े किए।
राजस्थान बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा है कि हिंदू विरोधी तत्वों को कांग्रेस ऐसे ही संरक्षण देती है और बचाती है।
हिंदू विरोधी कांग्रेस जेहादी तत्वों व आतंकी विचारधारा को ऐसे ही संरक्षण देती है और बचाती है!
— RajyavardhanRathore (@Ra_THORe) July 6, 2022
आतंक फैलाने के लिए हत्या की धमकी देने वाले अजमेर दरगाह के खादिम को पुलिस सिखा रही कि कैसे बचना है। यह ऊपर से आदेश के बिना संभव नहीं।
जिहादी हिंसा व हत्या की जिम्मेदार कांग्रेस सरकार है। pic.twitter.com/J6pPAUCyxi
अजमेर पुलिस का बयान
अजमेर पुलिस की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि सलमान चिश्ती आदतन अपराधी है और नशे का भी आदी है। पुलिस ने कहा है कि आरोपी डरा हुआ था और इसलिए वह किसी भी प्रकार का नशा करने के बारे में मना कर रहा था। पुलिस ने कहा है कि यह वीडियो किस व्यक्ति द्वारा बनाया गया है इसकी पुष्टि अभी नहीं की जा सकती। पुलिस ने कहा है कि सीओ का बयान पुलिस विभाग का बयान नहीं है और वीडियो में आई आवाज किसकी है इस बारे में भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।बता दें कि नूपुर शर्मा का समर्थन किए जाने के चलते राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल नाम के दर्जी की हत्या कर दी गई थी और इसके बाद राजस्थान का माहौल तनावपूर्ण हो गया था।
हालात को देखते हुए राज्य में धारा 144 लागू है और कन्हैया लाल दर्जी की हत्या के मामले में जांच कर रही एनआईए लगातार कई लोगों की धरपकड़ कर रही है।
अपनी राय बतायें