ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने अंतर-धार्मिक विवाह का विरोध किया है और इसे अफसोसनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना खालिद सफीउल्लाह रहमानी ने कहा है कि देश भर में मुसलिम समुदाय के अभिभावकों, घर के बड़े लोगों और मसजिदों-मदरसों के प्रबंधकों को अंतर धार्मिक विवाहों पर रोक लगाने के लिए क़दम उठाने चाहिए।
अंतर-धार्मिक शादियां शरिया के हिसाब से जायज नहीं: मुसलिम लॉ बोर्ड
- देश
- |
- 6 Aug, 2021
ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने अंतर-धार्मिक विवाह का विरोध किया है और इसे अफसोसनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

मौलाना रहमानी ने कहा है, “इसलाम मुसलिम और ग़ैर मुसलिमों के बीच विवाह की इजाजत नहीं देता है। अगर यह सामाजिक मान्यताओं के आधार पर सही भी लगता है तो भी शरिया के हिसाब से इसे जायज नहीं माना जा सकता है।”