एक तरफ़ जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झाबुआ में चुनावी रैली में यह कह रहे थे कि भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने और बैंकों में पैसा वापस लाने के लिए उन्होंने नोटबंदी की 'कड़वी दवा' का नुस्ख़ा इस्तेमाल किया था, वहीं उसी दिन देश का कृषि मंत्रालय बता रहा था कि नोटबंदी की मार किसानों पर कितनी ज़्यादा पड़ी थी।