सीबीआई कोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के इस फैसले से सहमति जताई है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल के खिलाफ जारी किए गए लुक-आउट सर्कुलर को तुरंत वापस लिया जाए। सीबीआई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। हालांकि, सीबीआई के विशेष जज संतोष स्नेही मान ने सीबीआई डायरेक्टर के खिलाफ एजेंसी के कार्यों में जानबूझकर दखल देने के लिए पटेल से लिखित माफी मांगने के लिए जारी निर्देश को खारिज कर दिया।
सीबीआई ने पिछले दिसंबर में विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के उल्लंघन के लिए एमनेस्टी इंडिया और उसके पूर्व प्रमुख आकार पटेल के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
आकार पटेल ने हाल ही में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था। जहां अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) अदालत ने सीबीआई से एलओसी वापस लेने को कहा था।लुक आउट सर्कुलर हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर इमीग्रेशन अधिकारियों को अलर्ट करता है, जो किसी व्यक्ति को देश छोड़ने से रोकते हैं।
दिल्ली की एक अदालत ने इससे पहले सत्र अदालत के आदेश के आधार पर आकार पटेल की अवमानना याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया था।
पटेल को कुछ दिन पहले अमेरिका जाते वक्त बेंगलुरु एयरपोर्ट पर रोका गया था और इसके बाद उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पटेल ने अदालत को बताया था कि क्योंकि एमनेस्टी इंटरनेशनल के खिलाफ फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है इसलिए उनका नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया गया है। सीबीआई ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया और इसके 3 सहयोगी संगठनों के खिलाफ नवंबर 2019 में मुकदमा दर्ज किया था।
इस मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने बेहद कड़ी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि वह पटेल के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर नोटिस को वापस ले। लेकिन सीबीआई ने इस आदेश में संशोधन की मांग को लेकर कोर्ट का रूख किया था। कोर्ट ने अपने पिछले आदेश पर स्टे लगा दिया था जिसमें कहा गया था कि सीबीआई के निदेशक को पटेल से लिखित में माफी मांगनी होगी। कोर्ट ने आकार पटेल से कहा था कि वह अदालत की अनुमति के बाद ही देश से बाहर जाएं।
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