एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल को गुरूवार शाम को फिर से एयरपोर्ट पर रोक लिया गया। जबकि गुरूवार को ही दिल्ली की एक अदालत ने बेहद कड़ी टिप्पणी करते हुए सीबीआई से कहा था कि वह पटेल के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर नोटिस को वापस ले और उनसे माफी भी मांगे।
आकार पटेल ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि उन्हें देश से बाहर जाने से रोका गया है और सीबीआई ने उन्हें लुक आउट सर्कुलर से नहीं हटाया है।
पटेल को कुछ दिन पहले अमेरिका जाते वक्त बेंगलुरु एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था और इसके बाद उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पटेल ने अदालत को बताया था कि क्योंकि एमनेस्टी इंटरनेशनल के खिलाफ फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है इसलिए उनका नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया गया है।
सीबीआई ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया और इसके 3 सहयोगी संगठनों के खिलाफ नवंबर 2019 में मुकदमा दर्ज किया था।
यह मुकदमा केंद्रीय गृह मंत्रालय की शिकायत पर फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्युलेशन एक्ट 2010 और भारतीय दंड संहिता के कथित उल्लंघन पर दर्ज किया गया था।
आकार पटेल के खिलाफ जून 2020 में भी मुकदमा दर्ज किया गया था क्योंकि तब उन्होंने उस वक्त अमेरिका में एक अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद हो रहे प्रदर्शनों की तरह भारत में भी प्रदर्शन करने की बात कही थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने लोगों को गड़बड़ी पैदा करने और दंगा करने के लिए भड़काया है।
क्या कहा अदालत ने?
राउज एवेन्यू कोर्ट ने आकार पटेल के ख़िलाफ़ एलओसी वापस लेने का आदेश देते हुए कहा था, 'उम्मीद है कि इस मामले में संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।''लाइव लॉ' की रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने कहा कि लुक आउट सर्कुलर यानी एलओसी जारी करना आरोपी के बहुमूल्य अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए जांच एजेंसी का 'जानबूझकर किया गया कार्य' था।स्थानीय अदालत ने अपने 10 पेज के आदेश में कहा है कि यात्रा के अधिकार पर कोई निरंकुश नियंत्रण नहीं हो सकता है और यह संविधान के अनुच्छेद बी 19 और 21 के तहत निहित मौलिक अधिकारों का हिस्सा है।
अपनी राय बतायें