नागरिकता संशोधन विधेयक यानी सीएबी को 625 लेखकों, कलाकारों, फ़िल्मकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संविधान के साथ छलावा क़रार दिया है। उन्होंने इसको वापस लिए जाने की माँग की है। उन्होंने सीएबी को विभाजनकारी, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी के साथ पूरे देश भर के नागरिकों को अप्रत्याशित उत्पीड़न देगा। इससे पहले 1000 से ज़्यादा वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों ने भी ऐसा ही पत्र जारी किया है। बता दें कि सोमवार को लोकसभा में इस विधेयक को पेश किया जा रहा है। सरकार बहुमत में है तो इसके वहाँ से पास हो जाने की संभावना है, लेकिन राज्य सभा में सरकार को इसे पास कराने में मुश्किल आ सकती है।