तबलीग़ी जमात के तीन हज़ार से ज़्यादा सदस्यों को कोरोना टेस्ट में निगेटिव पाए जाने, 28 दिनों तक क्वरेन्टाइन में रहने के बाद भी उन्हें क्वरेन्टाइन केंद्रों से नहीं छोड़ा गया है। किसी को पता नहीं, उन्हें कब छोड़ा जाएगा और वे कब अपने घर जा पाएंगे।
क्या कहना है दिल्ली सरकार का?
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने पत्रकारों से कहा,“
'यदि पुलिस को किसी के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करनी है तो करे, वर्ना जो लोग क्वरेन्टाइन में रह चुके हैं, पहले पॉज़िटिव पाये गए थे लेकिन अब निगेटिव हो चुके हैं, उन्हें छोड़ दिया जाना चाहिए।'
सत्येंद्र जैन, स्वास्थ्य मंत्री, दिल्ली
याद दिला दें कि तबलीग़ी जमात का एक सम्मेलन 13-15 मार्च को दिल्ली में हुआ था। उसके बाद जमात के कुछ लोगों को तबलीग़ी मुख्यालय मरकज़ से निकाल कर दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर बने क्वरेन्टाइन केंद्रों में डाल दिया गया। वे वहाँ अब तक पड़े हुए हैं।
एफ़आईआर दर्ज
जमात के इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विदेश से आए कुछ लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने वीज़ा नियमों का उल्लंघन किया है। वे टूरिस्ट वीज़ा पर भारत आए, पर धार्मिक सम्मेलन में भाग लिया।केंद्र को चिट्ठी
दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंह ने ने गृह मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में कहा, 'इन लोगों को मरकज़ के मसजिदों से निकाल कर अलग-अलग अस्पतालों और क्वरेन्टाइन केंद्रों में भेजे एक महीना हो गया है, वे अब अपने घर जाने के लिए व्याकुल हैं।' दिल्ली सरकार ने इसके आगे लिखा है,“
'आज की तारीख़ में सभी 3013 लोग कोरोना निगेटिव टेस्ट हो चुके हैं और उन्होंने क्वरेन्टाइन में 28 दिन गुजार दिए हैं। रमज़ान का महीना शुरू हो चुका है और उन्हें यह समझाना मुश्किल हो रहा है कि उन्हें क्यों घर नहीं जाने दिया जा रहा है।'
पद्मिनी सिंह, स्वास्थ्य सचिव, दिल्ली
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