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हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस थोड़ी देर में खत्म हो सकता है। शिमला में कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक चल रही है। माना जा रहा है कि बैठक के बाद कांग्रेस पर्यवेक्षकों की ओर से मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जा सकता है। मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए बीते 3 दिनों में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने जबरदस्त माथापच्ची की है। इससे पहले शुक्रवार शाम को भी शिमला में कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई थी।
इस बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास कर मुख्यमंत्री का नाम तय करने का फैसला कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ दिया गया था।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे चल रहा है। सुक्खू के समर्थकों ने शिमला में जोरदार नारेबाजी भी की है।
68 सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को 40 सीटों पर जीत मिली है जबकि बीजेपी 25 सीटों पर सिमट गई और अन्य को 3 सीटों पर जीत मिली है। पड़ोसी राज्य पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने भी राज्य में 67 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन उसे कोई सीट नहीं मिली और वह 1 फीसद वोट भी नहीं ला पाई।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की बात करें तो सबसे पहला नाम मंडी से कांग्रेस की सांसद और प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का आता है। प्रतिभा सिंह के अलावा मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का भी नाम है।
आइए, इन तीनों नेताओं के बारे में जानते हैं।
प्रतिभा सिंह हिमाचल प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री रहे राजा वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं। प्रतिभा सिंह साल 2004 में पहली बार मंडी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुनी गई थीं। 2013 में उन्होंने निवर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इसी सीट से चुनाव हराया था। पिछले साल हुए मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में भी उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा को शिकस्त दी थी। वीरभद्र सिंह हिमाचल में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता थे और इसलिए पूरे राज्य में उनके समर्थकों की अच्छी-खासी संख्या है।
कांग्रेस नेतृत्व के लिए यह तय करना मुश्किल होगा कि वह विधायकों में से ही मुख्यमंत्री का चुनाव करे या नहीं। अगर वह विधायकों में से मुख्यमंत्री का चुनाव करता है तो प्रतिभा सिंह इस दौड़ से बाहर हो जाएंगी लेकिन ऐसा माना जाता है कि वीरभद्र सिंह का परिवार इस कुर्सी पर अपना दावा नहीं छोड़ेगा।
सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन सीट से विधायक चुने गए हैं। वह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं और इस बार हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की प्रचार कमेटी के अध्यक्ष थे। सुखविंदर तीन बार विधायक रहे हैं और राज्य में उनके समर्थकों की अच्छी-खासी संख्या है। हालांकि सुखविंदर ने कहा है कि हिमाचल में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका निर्णय पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही करेगा लेकिन वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, यह बात हिमाचल में उनके समर्थक जोर-शोर से कहते हैं।
मुकेश अग्निहोत्री हरौली सीट से चुनाव जीते हैं। वह चार बार विधायक रहे हैं और साल 2017 में उन्हें कांग्रेस ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जैसे बड़े पद पर बैठाया था। हिमाचल में राजपूत जाति के मतदाताओं की संख्या अधिक है और अब तक सिर्फ एक ही ब्राह्मण मुख्यमंत्री शांता कुमार के रूप में प्रदेश को मिला है। ऐसे में जातीय समीकरणों के लिहाज से मुकेश अग्निहोत्री का दावा कमजोर दिखाई देता है।
हालांकि तीनों नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री का चयन हाईकमान के द्वारा ही किया जाएगा लेकिन यह भी तय है कि तीनों नेता इस कुर्सी पर अपना दावा नहीं छोड़ेंगे।
शिमला ग्रामीण सीट से चुनाव जीतने वाले और प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि उनकी मां भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक हैं और एक बेटे के तौर पर वह चाहते हैं कि उनकी मां मुख्यमंत्री बनें। उन्होंने कहा कि वह अपनी मां के लिए अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी सहित तमाम नेताओं ने इस जीत के लिए हिमाचल की जनता को धन्यवाद दिया है। कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने, लोगों को रोजगार देने और हर महिला को 1500 रुपए दिए जाने जैसे तमाम बड़े वादे किए थे। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि जनता से किए गए हर वादे को कांग्रेस पूरा करेगी।
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