loader
फ़ोटो साभार: हॉर्वर्ड हेल्थ

WHO ने शुगर के विकल्प के रूप में कृत्रिम मिठास के इस्तेमाल पर चेताया

यदि आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो शुगर यानी चीनी के विकल्प का उपयोग न करें। यह बेहद घातक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी चेतावनी दी है। इसने कहा है कि उपलब्ध साक्ष्यों की एक व्यवस्थित समीक्षा से पता चलता है कि शुगर की जगह पर आर्टिफिशियल स्वीटनर्स यानी कृत्रिम मिठास के उपयोग से वयस्कों या बच्चों में शरीर की चर्बी कम करने में कोई दीर्घकालिक लाभ नहीं मिलता है। बल्कि इसका उल्टा नुक़सान बहुत ज़्यादा है। इसके निरंतर इस्तेमाल से वयस्कों में टाइप 2 मधुमेह, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों और मृत्यु दर का जोखिम बढ़ सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने शुगर रहित मिठास पर एक नया दिशानिर्देश जारी किया है। डब्ल्यूएचओ के पोषण और खाद्य सुरक्षा विभाग के निदेशक फ्रांसेस्को ब्रांका ने कहा, 'शुगर को शुगर-रहित मिठास के साथ बदलने से लोगों को अपने वजन को लंबे समय तक नियंत्रित करने में मदद नहीं मिलती है। हमने अल्पावधि में शरीर के वजन में हल्की कमी देखी है, लेकिन यह निरंतर नहीं रहने वाली है।'

ताज़ा ख़बरें

ब्रांका ने कहा कि पहले से मधुमेह वाले लोगों को छोड़कर सभी लोगों पर यह गाइडलाइंस लागू होता है। सवाल है कि ऐसा क्यों कि मधुमेह वाले लोगों पर यह लागू नहीं होता? इसका जवाब दिया गया है कि ऐसा इसलिए कि समीक्षा में किसी भी अध्ययन में मधुमेह वाले लोग शामिल नहीं थे, और इसका मूल्यांकन नहीं किया जा सका है।

समीक्षा ने यह भी संकेत दिया है कि चीनी के इस विकल्प के दीर्घकालिक उपयोग से संभावित अवांछनीय प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोगों का हल्का बढ़ा हुआ जोखिम। डब्ल्यूएचओ ने यह भी साफ़ किया है कि यह सिफारिश इसके इस्तेमाल की सुरक्षा पर टिप्पणी करने के लिए नहीं है। 

शुगर रहित मिठास का व्यापक रूप से पैकेज्ड यानी पहले से तैयार खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में उपयोग किया जाता है और कभी-कभी उपभोक्ताओं द्वारा सीधे भोजन और पेय पदार्थों में भी मिलाया जाता है। डब्ल्यूएचओ ने 2015 में चीनी के सेवन पर दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें सिफारिश की गई थी कि वयस्कों और बच्चों को अपने कुल ऊर्जा सेवन के 10% से कम शर्करा का दैनिक सेवन करना चाहिए। उस सिफारिश के बाद, चीनी के विकल्प के रूप में शुगर रहित मिठास यानी आर्टिफिशियल स्वीटनर्स में रुचि बढ़ गई।
स्वास्थ्य से और ख़बरें

डब्ल्यूएचओ के अनुसार पोषण शोधकर्ता इयान जॉनसन ने कहा, 'यह नया दिशानिर्देश नवीनतम वैज्ञानिक तथ्यों के गहन मूल्यांकन पर आधारित है, और यह जोर देता है कि कृत्रिम मिठास का उपयोग वजन घटाने के लिए एक अच्छी रणनीति नहीं है।' जॉनसन ने कहा है कि लोगों को शुगर स्वीटनर्स ड्रिंक के उपयोग में कटौती करनी चाहिए और मिठास के स्रोत के रूप में कच्चे या हल्के प्रोसेस्ड यानी संसाधित फल का उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए।

संगठन ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की सिफारिश को वर्तमान में सशर्त माना जाता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि सिफारिश को स्वच्छता उत्पादों पर लागू करके नहीं देखना चाहिए जिसमें कृत्रिम शर्करा जैसे टूथपेस्ट, त्वचा क्रीम और दवाएं शामिल हैं। इसमें लो-कैलोरी शुगर और शुगर अल्कोहल भी शामिल नहीं है।

ख़ास ख़बरें

ब्रांका ने आगे कहा है कि लोगों को शर्करा के सेवन को कम करने के अन्य तरीक़ों पर विचार करने की ज़रूरत है, जैसे कि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले शर्करा वाले भोजन का सेवन, जैसे फल, या बिना पका हुआ भोजन और पेय पदार्थ। उन्होंने कहा कि शुगर रहित मिठास ज़रूरी आहार नहीं हैं और उनका कोई पोषण मूल्य नहीं है। लोगों को अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जीवन की शुरुआत से ही आहार में मिठापन को पूरी तरह से कम कर देना चाहिए।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

स्वास्थ्य से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें