केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में एच3एन2 इन्फ्लुएंजा पर निगरानी के लिए एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम नेटवर्क स्थापित किया है। केंद्र बच्चों, बुजुर्गों और को-मॉर्बिडिटीज मरीज वाले कमजोर समूहों पर खास तौर पर कड़ी नज़र रख रहा है। केंद्र की ओर से यह क़दम तब उठाया गया है जब अब तक कर्नाटक और हरियाणा में इस वायरस से दो मौतों की पुष्टि हो चुकी है।
एच3एन2: केंद्र की सख्त निगरानी, जानें वायरस कितना घातक
- स्वास्थ्य
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- 10 Mar, 2023
देश में एच3एन2 इन्फ्लुएंजा से दो लोगों की मौत के बाद अब चिंताएं बढ़ी हुई दिख रही हैं। जानिए आख़िर यह कितना घातक है और केंद्र क्या क़दम उठा रहा है।

प्रतीकात्मक तसवीर।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों में मार्च के आख़िर तक कमी होने की उम्मीद है। मौसमी इन्फ्लुएंजा के तौर पर पहचाने जाने वाले इस एच3एन2 इन्फ्लुएंजा को लेकर आईसीएमआर ने सलाह जारी की है। इसमें बिमारी, इसके लक्षण, बचाव के लिए उठाए जाने वाले एहतियाती क़दम के बारे में सलाह दी गई है।