विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार कोमंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया। उसने कहा कि 75 देशों से 16,000 से अधिक मामलों के साथ, मंकीपॉक्स अब एक पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी है। डब्ल्यूएचओ का आकलन है कि मंकीपॉक्स का जोखिम विश्व स्तर पर और सभी क्षेत्रों में अभी धीमा है लेकिन यूरोपीय क्षेत्रों में जोखिम का आकलन बहुत ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ महासचिव डॉ टेड्रोस अदनोम ने सावधानी बरतने को कहा है।
उन्होंने कहा कि इस बीमारी के अंतरराष्ट्रीय प्रसार का स्पष्ट जोखिम है, हालांकि अभी अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक कम है तो इसका जोखिम फिलहाल कम है। इसलिए संक्षेप में, हमारे पास एक बीमारी (कोविड 19) है जो दुनिया भर में तेजी से फैल गई है। बीमारियां इन्फेक्शन के नए तरीकों के जरिए फैल रही हैं, जिसके बारे में हम बहुत कम समझते हैं। इन सभी कारणों से, मैंने फैसला किया है कि मंकीपॉक्स के ग्लोबल प्रकोप को देखते हुए इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया जाए। यह घोषणा अंतरराष्ट्रीय चिंता का प्रतिनिधित्व करती है।
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इससे पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक बच्चे और एक शिशु में मंकीपॉक्स के लक्षण मिले हैं। दोनों अमेरिकी निवासी नहीं हैं।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि वायरल बीमारी के दो मामले शायद घरेलू इन्फेक्शन का नतीजे थे। बच्चों की सेहत ठीक है और उनका इलाज किया जा रहा है।
मंकीपॉक्स, जो फ्लू जैसे लक्षणों और त्वचा के घावों का कारण बनता है, बड़े पैमाने पर उन पुरुषों में फैल रहा है जो हाल ही में फैली बीमारी के दौरान जिन्होंने पुरुषों के साथ यौन संबंध रखे हैं या रखे थे। यह बीमारी मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों के बाहर फैली है। यह रोग मुख्य रूप से निकट संपर्क से फैलता है।
भारत के लिए गाइडलाइंसभारत सरकार ने मंकीपॉक्स को लेकर पहले ही गाइडलाइंस जारी कर रखी हैं। सावधानी रखकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में मृत या जीवित जंगली जानवरों के संपर्क से बचने का सुझाव दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को बीमार लोगों और अन्य लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए।
और क्या करें
- यह भी सुझाव दिया गया है कि छोटे स्तनधारियों जैसे कि गिलहरी, और गैर मानव प्राइमेट जैसे बंदरों और वानरों सहित जानवरों के संपर्क से बचना चाहिए।
- मंत्रालय ने जंगली झाड़ियों में पड़े मृत जानवरों के मांस, या उन्हें खाने वाले जानवरों, या ऐसे मांस से तैयार क्रीम, लोशन, पाउडर आदि उत्पादों का उपयोग करने से बचने का भी सुझाव दिया है। दक्षिणा अफ्रीका के जंगलों से कई जानवरों का शिकार करके तमाम त्वचा क्रीमें तैयार की जाती हैं। इन्हें फिलहाल इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है।
- इसके अलावा, बीमार लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली दूषित सामग्री जैसे कपड़े, बिस्तर या संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
- अगर किसी में दाने के साथ बुखार जैसे मंकीपॉक्स का कोई लक्षण विकसित होता है तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर फ़ौरन पहुँचे।
- अगर आप उस क्षेत्र में थे, जहां मंकीपॉक्स की सूचना मिली है या किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में है जिसे मंकीपॉक्स हो सकता है तो फौरन डॉक्टर के पास जाएँ।
मंकीपॉक्स क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में फैल सकती है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है।
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मंकीपॉक्स के लक्षण
बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कम एनर्जी और सूजी हुई लिम्फ नोड्स मंकीपॉक्स के सबसे आम लक्षण हैं। शरीर में दाने निकल आते हैं जो दो से तीन सप्ताह तक रह सकते है। दाने चेहरे, हाथों की हथेलियों, पैरों के तलवों, आंखों, मुंह, गले, कमर और/या गुदा क्षेत्रों पर पाए जा सकते हैं। घावों की संख्या एक से कई हजार तक हो सकती है। जो लोग मंकीपॉक्स वाले किसी व्यक्ति के साथ रहते हैं या निकट संपर्क करते हैं, या जो संक्रमित हो सकने वाले जानवरों के साथ नियमित संपर्क रखते हैं, उन्हें सबसे अधिक जोखिम होता है।
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