देश के कई राज्यों में चल रही भीषण लू के असर से निपटने के लिए तैयारी कैसी है? इसकी समीक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया मंगलवार को सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं। समझा जाता है कि भीषण लू से बने हालात और स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारियों का जायजा लिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री यह बैठक तब ले रहे हैं जब उत्तर भारत भीषण लू की चपेट में है। यहाँ भी चार राज्य- उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और ओडिशा बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में ही पिछले कुछ दिनों में क़रीब 100 लोगों की मौत की ख़बर आ चुकी है। बलिया में कम से कम 68 लोगों के मारे जाने की आशंका है। हालाँकि, अधिकारियों ने कहा है कि ज़्यादातर वृद्धावस्था वाले और दूसरी बीमारियों वाले लोगों की मौत हुई और तापमान के साथ इसको जोड़ कर नहीं देखा जा सकता है।
बिहार में भी भीषण गर्मी के बीच बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की ख़बर है। अलग-अलग मीडिया रिपोर्टों में राज्य में 40-50 मौतें बताई जा रही हैं। ओडिशा में भी इस तरह क़रीब 20 लोगों की मौत और झारखंड में 8 लोगों की मौत की ख़बरें हैं।
मौतों में अचानक वृद्धि हुई है और अस्पतालों में मरीजों को बुखार, सांस लेने में तकलीफ और अन्य समस्याओं के साथ भर्ती कराया जा रहा है। चिलचिलाती गर्मी के मद्देनजर कई राज्यों ने अत्यधिक गर्मी को देखते हुए अपनी गर्मी की छुट्टियों को आगे तक बढ़ा दिया है।
झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में रविवार को तापमान सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। आईएमडी के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश में तापमान सामान्य से 3-5 डिग्री अधिक दर्ज किया गया। आईएमडी ने सोमवार को अपने बुलेटिन में कहा है कि अगले दो दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में हीटवेव या गंभीर हीटवेव की स्थिति बनी रहने की बहुत संभावना है।
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