‘कोरोना वायरस इस बार पहले से ज़्यादा ताक़त के साथ वापस लौट आया है। वायरस का यह नया रूप ज़्यादा घातक है और ये बहुत चुपके से तथा छिपकर हमला करने वाला है।’ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रितेश कुमार का यह बयान सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चित हो रहा है। डॉ. रितेश का कहना है कि इस बार कोरोना संक्रमण के लक्षण काफ़ी अलग हैं। इस बार खाँसी, बुखार, जोड़ों में दर्द और भूख कम होना जैसे लक्षण ज़रूरी नहीं है। कई बार घातक संक्रमण होने पर भी कोई लक्षण नहीं होता।

पहले दौर में बिना लक्षण वाले यानी एसिमटोमेटिक लोग बिलकुल सुरक्षित थे लेकिन नए स्ट्रेन में तो गंभीर संक्रमण होने पर भी कई लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देता या फिर बहुत देर से दिखाई देता है। तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। फेफड़ा को गंभीर नुक़सान हो चुका होता है।
नया वायरस शरीर के भीतर अधिक तेज़ी से फैलता है। इसलिए मौत की दर काफ़ी बढ़ सकती है। पहले के स्ट्रेन की तरह ये हमारे नाक के भीतरी हिस्से में नहीं ठहरता बल्कि सीधे फेफड़े में पहुँच जाता है। इसलिए पहले जैसे धीरे-धीरे असर होता था वैसा अब नहीं है। ये अचानक ख़तरनाक हो जाता है।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक