कोरोना वायरस से संक्रमित होने का ही खौफ कितना ज़्यादा है! क्या आपने वह ख़बर पढ़ी है जिसमें दिल्ली में सर्दी-जुकाम के बाद युवक ने सिर्फ़ कोरोना के संदेह में ही हॉस्पिटल की बिल्डिंग से छलांग लगा दी थी? उसके दिमाग़ में कितनी हलचल होगी! कितना तनाव होगा! कितनी मानसिक पीड़ा होगी! वह किस हद से गुजरा होगा! अब कल्पना करें कि जिसे कोरोना का संक्रमण हो जाए, वह किस तनाव से गुज़रता होगा। आइसोलेशन में यानी सबसे अलग-थलग। कोई घरवाला नहीं। ज़हन में हर पल अनहोनी का डर। और पता नहीं, क्या-क्या!
कोरोना से लोगों में तेज़ी से बढ़ रहा है डिप्रेशन! कैसे करें इलाज?
- स्वास्थ्य
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- 9 Apr, 2020

कोरोना वायरस से संक्रमित होने का ही खौफ कितना ज़्यादा है! क्या हो जब अस्पतालों में भर्ती होने वाले ऐसे 48 फ़ीसदी लोगों में मानसिक दिक्कतें आएँ? क्या सरकार ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है?
क्या ऐसी ही स्थिति में 20-30 दिन तक एक जगह पड़े रहना आसान है? क्या हो जब कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई दिक्कतें बनी रहें। क्या मानसिक स्वास्थ्य दुरुस्त रह सकता है? क्या हो जब अस्पतालों में भर्ती होने वाले ऐसे 48 फ़ीसदी लोगों में मानसिक दिक्कतें आएँ? क्या सरकार ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है?