गुजरात बीजेपी के गांधी नगर मुख्यालय पर सोमवार को दिन भर प्रदर्शन हुए। पार्टी में प्रदर्शनों का सिलसिला शनिवार से ही चल रहा है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को आकर यहां बागी विधायकों और अन्य नेताओं के साथ बैठक ली थी। उसके बाद उम्मीद थी कि प्रदर्शनों का सिलसिला रुक जाएगा लेकिन प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि बीजेपी कार्यकर्ता टिकटों में करप्शन का आरोप लगा रहे हैं। इसमें कितनी सच्चाई है, इसका स्पष्टीकरण पार्टी ने भी अभी तक नहीं दिया है।
Huge protest outside BJP’s Gujarat office Kamalam for corruption in ticket distribution. pic.twitter.com/9KEd9p4Z2y
— Shantanu (@shaandelhite) November 14, 2022
बीजेपी का प्रदेश कार्यालय कमलम गांधी नगर में है। प्रदेश के कोने-कोने से असंतुष्ट विधायकों और नेताओं के कार्यकर्ता यहां सुबह से ही पहुंचने लगे। धवल सिंह झाला और रणछोर रबारी के समर्थक भारी संख्या में कमलम पर पहुंचे और कई घंटे तक प्रदर्शन करते रहे। धवल सिंह झाला के समर्थक बायद में भी सोमवार को उनके समर्थन में प्रदर्शन करते रहे। पाटन से डॉ राजुल देसाई को बीजेपी प्रत्याशी घोषित करने का भारी विरोध शुरू हो गया है।
बीजेपी ने इस बार करीब 50 से ज्यादा टिकट काटे हैं। जब पहली लिस्ट आई थी, तभी 38 टिकट काट दिए गए थे। पूर्व सीएम विजय रुपाणी, नितिन पटेल समेत कई दिग्गज खुद ही अपनी इज्जत बचाने के लिए चुनाव लड़ने से पीछे हट गए। कई मंत्री तो ऐसे हैं, जिन्होंने खुद ही चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी। कुछ ने पहले ही स्थिति भांप ली और पीछे हट गए।
बहरहाल, गुजरात बीजेपी के बागियों को मनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूरी ताकत झोंक दी है। अमित शाह का रविवार को पूरा दिन पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के बागियों से बातचीत करते बीता। अमित शाह ने रविवार को गांधीनगर में उच्चस्तरीय बैठक की थी। पार्टी के कई असंतुष्टों को उनसे मिलवाया गया। शाह ने टिकट से वंचित बीजेपी विधायक राजेंद्र त्रिवेदी से बंद कमरे में बात की। राजेंद्र को वड़ोदरा के रावपुरा से इस बार टिकट नहीं मिला। त्रिवेदी बगावत पर उतारू हैं। वो निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। शाह ने उन्हें चुनाव नहीं लड़ने के लिए मनाने की कोशिश की।
अपनी राय बतायें