गुजरात के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पंशेरिया ने मंगलवार को अहमदाबाद में इस प्रोजेक्ट को लॉन्च किया। इसे नाम दिया गया है 'विद्यार्थी जीवन पथदर्शक बंशे श्रीमद्भगवद्गीता' (श्रीमद्भगवद्गीता छात्र जीवन के लिए मार्गदर्शक बनेगी)। इस साल की शुरुआत में 7 फरवरी को पंशेरिया ने बजट सत्र के दौरान छठी से बारहवीं कक्षा तक भगवद गीता को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था। प्रस्ताव बिना विरोध के पारित हो गया। गुजरात के स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र 13 जून से शुरू हो चुका है।
गुजरात शिक्षा विभाग के फैसले को लागू करने के लिए अहमदाबाद जिला शिक्षा कार्यालय (ग्रामीण) ने वीडियो पाठ तैयार किए हैं। इन्हें शहर के 650 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाया जाएगा।
डीईओ अहमदाबाद ग्रामीण कृपा झा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “ये वीडियो अहमदाबाद के 600 से अधिक स्कूलों में सुबह की सभा का अनिवार्य हिस्सा होंगे। हर सप्ताह एक श्लोक या एक वीडियो लिया जाएगा। सभी स्कूलों को इसके लिए सर्कुलर जारी किया जा रहा है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राज्य सरकार की पहल के तहत उठाया गया है।”
गुजरात के स्कूलः गुजरात में लगभग 926 सरकारी प्राथमिक विद्यालय केवल एक शिक्षक के साथ चल रहे हैं, राज्य विधानसभा में यह जानकारी पिछले साल दी गई थी। राज्य सरकार द्वारा सदन में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, महिसागर जिले में 106 स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक है, जबकि कच्छ में 105, तापी में 84, देवभूमि द्वारका में 46, नर्मदा में 45 और खेड़ा जिले में 41 स्कूल हैं।
जिन जिलों में स्थिति बेहतर है उनमें बोटाद शामिल है, जहां केवल दो स्कूल एक शिक्षक के साथ काम कर रहे हैं, इसके बाद मोरबी (तीन स्कूल), भावनगर और गिर सोमनाथ (पांच स्कूल प्रत्येक), गांधीनगर (छह) और जामनगर (आठ) हैं।
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