गुजरात के 37000 स्कूलों के बच्चों को ठीक से मिड डे मील नहीं मिल पाता। जहां मिलता है, वहां की स्थिति इतनी बुरी है कि बच्चे बीमार पड़ सकते हैं। लेकिन इन बच्चों को अब गीता का ज्ञान अनिवार्य रूप से लेना होगा। बेशक उनके पेट खाली हों लेकिन सुबह प्रार्थना के समय गीता का ज्ञान लेना होगा। सरकारी स्कूलों में अन्य विषयों को पढ़ाने के लिए टीटर नहीं हैं। इसके बावजूद गुजरात विधानसभा में भगवद गीता को सरकारी स्कूलों में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का प्रस्ताव फरवरी 2024 में पास हो चुका है। अहमदाबाद के 600 से अधिक स्कूल अब इस हिंदू धर्मग्रंथ से पाठ पढ़ाने के लिए तैयार हैं। अधिकारियों ने बताया कि गीता के श्लोकों पर आधारित वीडियो पाठ इस सप्ताह से इन स्कूलों में सुबह की असेंबली का अनिवार्य हिस्सा होगा।
गुजरात के स्कूलों में टीचर नहीं, लेकिन सुबह-सुबह गीता का ज्ञान लेना अनिवार्य
- गुजरात
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- 19 Jun, 2024
गुजरात के स्कूलों में सुबह-सुबह गीता पढ़ना अनिवार्य किया जा रहा है। इसकी शुरुआत अहमदाबाद के 600 स्कूलों में की गई। राज्य सरकार ने इस काम के लिए 3000 शिक्षकों को ट्रेनिंग देकर तैयार किया है, जो छात्र-छात्राओं को गीता का ज्ञान देंगे। भाजपा शासित गुजरात में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा नहीं है। सरकारी स्कूलों में अन्य विषयों को पढ़ाने के लिए टीचर तक नहीं हैं। जानिए पूरी रिपोर्टः
