गुजरात चुनाव में बीजेपी अब करो या मरो की नीति और नीयत के साथ मैदान में उतर पड़ी है। पीएम मोदी आज शनिवार को गुजरात में तीन दिनों तक रैलियां करने वाले हैं। मोदी के अलावा बीजेपी ने 40 स्टार कैंपेनर भी गुजरात में उतार दिए हैं। जिनके पास उम्दा जुमले हैं।
मोदी की गुजरात में तीन दिनों तक होने वाली रैलियों को लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है। किसी ने 6 रैलियां बताईं तो कोई 8 बता रहा है और कहीं दो दर्ज का भी दावा कर दिया गया है। इसी से स्पष्ट है कि रैलियों की तैयारियों की सूचना सिर्फ टीम मोदी के पास है जो बीजेपी के राज्यस्तरीय नेताओं से अलग है।
पीएम मोदी की पहली रैली वलसाड में शनिवार शाम को है। तीन दिनों में वो सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं, जहां पहले चरण में मतदान होगा। यह इलाका कांग्रेस का परंपरागत गढ़ है। बीजेपी इसीलिए इस इलाके के मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सौराष्ट्र में कांग्रेस की धार को कमजोर करने के लिए मोदी उसका अंतिम हथियार हैं।
मोदी सोमनाथ मंदिर भी जाएंगे। वो सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। मंदिर की यात्रा के बाद, वह सौराष्ट्र क्षेत्र में वेरावल, धोरारजी, अमरेली और बोटाद में चार रैलियों को संबोधित करने वाले हैं। अगले दिन वह सुरेंद्रनगर, भरूच और नवसारी में रैलियों को संबोधित करेंगे।
पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार 28 नवंबर को खत्म हो जाएगा। लेकिन पीएम दूसरे चरण में होने वाले मतदान के मद्देनजर रैलियों के लिए फिर लौटेंगे। उसकी रूपरेखा अभी से बन रही है। गुजरात में दो चरणों में 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को मतदान होगा। वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।
धुर्वीकरण की कोशिश
बीजेपी ने करीब 40 स्टार कैंपेनर भी मैदान में उतार दिए हैं जो कच्छ से लेकर आणंद तक गलियों की खाक छान रहे हैं। इन लोगों के पास शानदार जुमले हैं और वो अखबारों में चर्चा का विषय बन रहे हैं। मसलन, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा कल शुक्रवार की रैलियों में श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब को गुजरात चुनाव में ले आए। सरमा ने कहा कि अगर देश में मजबूत नेता नहीं होगा तो हर शहर में आफताब पैदा होंगे। सरमा ने क्या कहने की कोशिश की, इसे समझा जा सकता है। लेकिन उनका यह बयान अखबारों में सुर्खियां बटोर रहा है। बीजेपी खुश है कि इससे थोड़ा बहुत हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण हो सकता है। मोदी की सोमनाथ यात्रा का प्लान बीजेपी ने यूं ही नहीं बनाया है। उसका मकसद आसानी से समझा जा सकता है। ऐसे धार्मिक स्थलों पर किसी भी बहाने कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में कई रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी, योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश) और शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश) भी प्रचार कर रहे हैं। इन सभी के बयान अखबारों में प्रमुखता पा रहे हैं। योगी का बयान चर्चित रहा कि अगर बीजेपी और मोदी न होते तो न अयोध्या में राम मंदिर बनता और न धारा 370 हटती।
कांग्रेस में अकाल है। कहीं कोई प्रचार नजर नहीं आ रहा है। राहुल गांधी के सोमवार को राज्य का चुनावी दौरा करने की उम्मीद है। बीजेपी ने शनिवार को इस मुद्दे को खूब उछाला कि राहुल गुजरात से क्यों गायब हैं। असम के सीएम सरमा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसे लेकर कांग्रेस पर शनिवार को फब्तियां भी कसीं।
बीजेपी का अभियान कुल मिलाकर आक्रामक हो गया है। मोदी के आने के बाद उसे गुजरात की फिजा बदलने की उम्मीद है। अनुराग ठाकुर ने 2002 के दंगों को पॉजिटिव सेंस में याद किया। उन्होंने कहा कि मोदी ने 2002 के बाद गुजरात में दंगे नहीं होने दिया और किस तरह उन्होंने गुजरात को दंगामुक्त बना दिया। ऐसे बयानों और स्टार कैंपेनर के सहारे बीजेपी की चुनावी रणनीति साफ होती जा रही है और जब चुनाव अंतिम चरण में पहुंच रहा है तो ध्रुवीकरण का कार्ड बहुत सफाई से खेल दिया गया है।
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