गुजरात में एक झटके में पूरा मंत्रिमंडल बदल दिया गया। दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने शपथ ली थी और अब पूरी कैबिनेट ने। कैबिनेट में 24 मंत्री शामिल किए गए हैं और सभी नये हैं। यह पहली बार हुआ है कि कार्यकाल के बीच में ही मुख्यमंत्री सहित पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया गया। क्या ऐसा एंटी इंकंबेंसी लहर से निपटने के लिए किया गया? यह भी सवाल उठता है कि क्या रूपाणी सरकार से गुजरात में ज़बरदस्त नाराज़गी थी?