इन वेंटिलेटर्स को गुजरात के राजकोट की कंपनी ज्योति सीएनसी ने बनाया है। सच्चाई सामने आने के बाद राज्य सरकार को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच इन मशीनों को राज्य के कई सरकारी अस्पतालों में लगाया जा चुका है।
वेंटिलेटर्स को धमण -1 नाम दिया गया था और इसे बनाने वाले मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के दोस्त हैं। तब रूपाणी ने कहा था कि ज्योति सीएनसी ने 10 दिन में ही वेंटिलेटर बना दिया है। उन्होंने कहा था कि गुजरात के ही उद्यमी पराक्रम सिंह जडेजा और उनकी टीम ने इस ‘मेक इन इंडिया’ वेंटिलेटर को बनाया है।
जब किसी मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है तो उसे एम्बू-बैग के जरिये बनावटी सांस दी जाती है और इस मशीन से ऑक्सीजन का सोर्स जोड़ा जा सकता है। लेकिन इसे वेंटिलेटर क़तई नहीं कहा जा सकता।
रूपाणी से नाराज़ है केंद्र!
‘अहमदाबाद मिरर’ के मुताबिक़, केंद्र सरकार ने पहले रूपाणी को भरोसे में लिए बिना अहमदाबाद के जिलाधिकारी विक्रांत पांडे को हटा दिया और फिर अहमदाबाद नगर निगम के आयुक्त विजय नेहरा का ट्रांसफ़र कर दिया। दोनों ही अधिकारी राजकोट से संबंध रखते थे। रूपाणी राजकोट से ही आते हैं। नौकरशाह ने कहा कि इस मामले की भी चर्चा केंद्र तक हुई है।
जडेजा ने स्वीकारा, ये वेंटिलेटर नहीं हैं
ज्योति सीएनसी के सीएमडी पराक्रम सिंह जडेजा ने ‘अहमदाबाद मिरर’ से कहा, ‘यह संपूर्ण वेंटिलेटर नहीं है और इस बारे में राज्य सरकार को भी बता दिया गया था। वेंटिलेटर में कई मोड होते हैं और यह सिर्फ़ आपात स्थिति के लिए है। हम लोग धमण-3 बना रहे हैं जो एक संपूर्ण वेंटिलेटर है।’ जबकि कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर इस बात को साफ लिखा है कि धमण-1 एक आईसीयू वेंटिलेटर है।
जडेजा ने कहा कि हमने सरकार से वादा किया है कि हमने जो भी वेंटिलेटर दिए हैं, उन्हें अपग्रेड करेंगे। उन्होंने कहा कि वह अपनी कोशिशों के बारे में इस तरह की नेगेटिव ख़बरें सुनकर निराश हैं और ऐसा लगता है कि ऐसा किसी ने धूर्ततावश किया है।
कांग्रेस ने बोला हमला
कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने ‘अमहदाबाद मिरर’ से कहा, ‘यह बेहद चिंता का विषय है। इस बारे में सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट ने अस्पताल के एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख के हवाले से 15 मई को पत्र लिखकर कहा था कि ये वेंटिलेटर कोरोना के मामलों में सही नतीजे नहीं दे रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि इसे बनाने वाली कंपनी के निदेशक कौन हैं और उन्होंने बीजेपी को कितना फ़ंड दिया है, इस बारे में भी जांच होनी चाहिए।
ये हालात तब हैं जब अहमदाबाद कोरोना के संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित है और राज्य सरकार हालात पर काबू पाने में विफल रही है। अहमदाबाद में कोरोना से अब तक 8,420 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 524 लोगों की मौत हुई है।
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