गुजरात चुनाव की घोषणा के बाद पहली बार आए सी-वोटर एबीपी न्यूज़ ओपिनियन पोल बीजेपी की रिकॉर्ड जीत के दावे कर रहा है। सर्वे में दावा किया गया है कि 182 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी को 131-139 सीटें मिल सकती हैं। यदि इस सर्वे की भविष्यवाणी सटीक होती है तो यह पिछले 27 साल में सबसे बड़ी जीत होगी। पिछले 27 सालों से लगातार गुजरात की सत्ता में रही पार्टी 2002 में सबसे ज़्यादा 127 सीटें ही जीत पाई थी।
लेकिन एबीपी न्यूज़ के इस 2022 के ताज़ा सर्वे में चुनाव में उससे भी ज़्यादा सीटें मिलती दिखाई गई हैं। ऐसा तब है जब 2002 में गुजरात दंगे के बाद चुनाव हुए थे। इस बार मोरबी के पुल हादसे के बाद चुनाव हो रहे हैं।
इस सर्वे में कांग्रेस की हालत ख़राब बताई गई है। एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में कांग्रेस को 31-39 सीटें मिलती हुई दिखाई गई है। आम आदमी पार्टी को 7-15 और अन्य को 0-2 सीटें मिलती हुई बताई गई है।
ऐसा तब है जब पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2017 के चुनाव में राज्य की कुल 182 सीटों में से बीजेपी ने 99 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने भी अपने पिछले चुनाव से काफ़ी बेहतर प्रदर्शन किया था और वह 77 सीटें जीतने में सफल रही थी। लेकिन यदि वोट प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो कांग्रेस ज़्यादा पीछे नहीं रही थी। बीजेपी ने 49% वोट पाए थे जबकि कांग्रेस ने 44% वोट हासिल किए थे। आम आदमी पार्टी ने साल 2017 में गुजरात का विधानसभा चुनाव लड़ा था हालांकि तब पार्टी ने सिर्फ 30 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे थे और अधिकतर सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी।
बहरहाल, इस बार सी वोटर एबीपी न्यूज़ के सर्वे में बीजेपी को 45 फ़ीसदी, कांग्रेस को 29 फीसदी, आप को 20 फीसदी और अन्य को 6 फीसदी वोट मिलने के आसार बताए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर महीने में किये गये इस सर्वे में 22 हजार 807 लोगों ने हिस्सा लिया है।
बता दें कि एक दिन पहले ही टाइम्स नाउ नवभारत और ईटीजी का गुजरात को लेकर ओपिनियन पोल सामने आया था। इसमें बीजेपी को 125-130 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं कांग्रेस को 29 से 33 सीटें मिलती दिख रही है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी को 20 से 24 सीटें मिल सकती हैं। वहीं अन्य के खाते में एक से तीन सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
इस सर्वे में भी कहा गया है कि बीजेपी को 45 फ़ीसदी, कांग्रेस को 21 फ़ीसदी, आप को 29 फ़ीसदी और अन्य को 5 फ़ीसदी वोट मिल सकते हैं।
इस बीच सीएसडीएस-लोकनीति का सर्वे भी सामने आया है। सर्वे के मुताबिक, जब गुजरात के लोगों से इस बारे में पूछा गया कि बीजेपी और कांग्रेस के अलावा क्या राज्य में किसी तीसरे विकल्प की जरूरत है तो 61 फीसद लोगों ने कहा कि हां ऐसा है। हालांकि सर्वे या नहीं बताता कि आम आदमी पार्टी इतने लोगों को किसी तीसरे विकल्प के लिए राजी कर पाएगी। सर्वे के मुताबिक गुजरात की राजनीति में तीसरे विकल्प की इच्छा सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी के समर्थक या मतदाताओं में ही है लेकिन दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी को वोट देने की बात कहने वालों में से आधे से ज्यादा मतदाता तीसरे विकल्प का भी समर्थन करते हैं।
सर्वे के मुताबिक़, बड़ी संख्या में लोगों ने कहा कि गुजरात में बीजेपी की सरकार ने अच्छा काम किया है और ऐसा कहने वाले लोगों की संख्या 71 फीसद है। ये लोग मानते हैं कि राज्य में विकास हुआ है लेकिन इस बात को कहने वालों में से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो किसी नए राजनीतिक दल को मौका देना चाहते हैं।
सीएसडीएस-लोकनीति का सर्वे कहता है कि हालाँकि लोग किसी तीसरे राजनीतिक दल को सत्ता में देखना चाहते हैं लेकिन वह इस बात को लेकर बंटे हुए दिखते हैं कि आम आदमी पार्टी गुजरात का चुनाव जीत सकती है।
कुछ सर्वे में जितनी सीटें मिलती हुई दिखाई गई हैं उतनी तो बीजेपी को पहले कभी सीटें मिली भी नहीं हैं। 2017 का विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प रहा था। राज्य की कुल 182 सीटों में से बीजेपी ने 99 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने भी अपने पिछले चुनाव से काफ़ी बेहतर प्रदर्शन किया था और वह 77 सीटें जीतने में सफल रही थी। लेकिन यदि वोट प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो कांग्रेस ज़्यादा पीछे नहीं रही थी। बीजेपी ने 49% वोट पाए थे जबकि कांग्रेस ने 44% वोट हासिल किए थे।
सीटों के मामले में 2012 में बीजेपी काफ़ी आगे रही थी। तब बीजेपी को 115 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 61 और अन्य को 6 सीटें मिली थीं। 2007 में बीजेपी को 117, कांग्रेस को 59 और अन्य को 6 सीटें मिली थीं। 2002 में भी बीजेपी को 127, कांग्रेस को 51 व अन्य को 4 और 1998 के चुनाव में बीजेपी को 117, कांग्रेस को 53 और अन्य को 12 सीटें मिली थीं।
हालाँकि, वोट प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी काफी आगे रही थी। इस चुनाव में बीजेपी को 48% वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को सिर्फ़ 39% ही वोट मिल पाए थे।
2007 में बीजेपी को 49%, कांग्रेस को 38%, 2002 में बीजेपी को 50% और कांग्रेस को 39% और 1998 में बीजेपी को 45% व कांग्रेस को 35% वोट मिले थे।
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